देश किसी की मजबूरी का जिम्मेदार नहीं होता।
इस पर प्राण निछावर करना कोई उपकार नहीं होता।।
ईंट - ईंट से बनती है दीवार हजारों मंजिल की।
कुछ ईंटों ने मिलकर ही भारत की पहचान थी धूमिल की।।
आए ऐसे महापुरुष जिनने इसकी पहचान बदल डाला।
तप-तपकर जीवन की लौ पर सारा हिंदुस्तान बदल डाला।।
क्रमशः.........
💕❤️🙏प्रतीक तिवारी🙏❤️💕