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तांटक छंद

30 सितम्बर 2021

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देश  किसी   की   मजबूरी   का   जिम्मेदार   नहीं  होता।

इस  पर  प्राण निछावर करना  कोई  उपकार  नहीं होता।।

ईंट - ईंट   से   बनती   है   दीवार   हजारों   मंजिल   की।

कुछ ईंटों ने मिलकर ही भारत की पहचान थी धूमिल की।।

आए  ऐसे  महापुरुष  जिनने इसकी पहचान बदल डाला।

तप-तपकर जीवन की लौ पर सारा हिंदुस्तान बदल डाला।।

क्रमशः.........

💕❤️🙏प्रतीक तिवारी🙏❤️💕

Pragya pandey

Pragya pandey

अत्यंत उत्कृष्ट रचना 🙏🙏👌👌👌👏👏

30 सितम्बर 2021

Pratik Tiwari

Pratik Tiwari

30 सितम्बर 2021

जी बहुत आभार आपका🙏🙏🙏

Nisha

Nisha

Very nice

30 सितम्बर 2021

Pratik Tiwari

Pratik Tiwari

30 सितम्बर 2021

Thankyou so much ji

Shivansh Shukla

Shivansh Shukla

शानदार भाई 🙏🙏🙏👏👏

30 सितम्बर 2021

Pratik Tiwari

Pratik Tiwari

30 सितम्बर 2021

धन्यवाद भाई

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