प्रणाम! मैं कोई लेखिका नहीं हूं। लेकिन जब से मेरे जीवन में कृष्ण नाम आया हैं, तब से में स्वत हीं कवयित्री हों गई हूं। इस संग्रह की हर में, हमारे मन की गहराई का एक भाग हैं। जिसमें श्रीकृष्ण विराजमान हैं, जिसमें बस मनमोहन का नाम हैं। यह हमारा पहला काव्य संग्रह हैं, "प्रेम क्षणिकाएं"। इस विषय के नाम में हीं, इसका अर्थ छुपा हैं। यह काव्य संग्रह एक भक्त और भगवान की वार्ता पर आधारित हैं। जिसमें भक्त अपने प्रभु से मिलने के लिए बड़ा हीं व्याकुल हैं और वह भिन्न भिन्न प्रकार से अपने प्रभु से अपनी बात को कह रहा हैं। "प्रेम क्षणिकाएं", सम्पूर्ण रूप से श्रीकृष्ण को समर्पित एक सुन्दर और अद्भुत काव्य संग्रह हैं। इसे समझने की बस एक हीं शर्त हैं कि इसे दिमाग से नहीं, बल्कि दिल से पढ़ा जाना चाहिए..।
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