वो इतना रोयी थी लिपटकर मुझसे
कि आज भी सीली रहती है मेरी वो शर्ट
कानों में आज भी गूँजती है
मेरी गोद में सिर रखकर ली गई... उसकी सिसकियाँ
मैंने तब तक
उसे केवल जीतते देखा था
तुम्हारा मुझे ना मिलना
ईश्वर की पहली हार थी...।।
8 दिसम्बर 2021
वो इतना रोयी थी लिपटकर मुझसे
कि आज भी सीली रहती है मेरी वो शर्ट
कानों में आज भी गूँजती है
मेरी गोद में सिर रखकर ली गई... उसकी सिसकियाँ
मैंने तब तक
उसे केवल जीतते देखा था
तुम्हारा मुझे ना मिलना
ईश्वर की पहली हार थी...।।