रिश्वत अकेले नहीं आती। देने वाले की बद्दुआ, मजबूरियां, दुख, वेदना, क्रोध, तनाव, चिन्ता भी नोटों में लिपटी रहती हैं।
- अज्ञात
1 मार्च 2022
रिश्वत अकेले नहीं आती। देने वाले की बद्दुआ, मजबूरियां, दुख, वेदना, क्रोध, तनाव, चिन्ता भी नोटों में लिपटी रहती हैं।
- अज्ञात