पहला आंदोलन शायद
बीज ने किया होगा मिट्टी के विरुद्ध
और फूट पड़ा होगा पौधा बनकर।
या फिर
शिशु ने कोख़ के भीतर किया होगा
जन्म लेने के लिए।
हर बार
आंदोलनकारी को प्रेम मिला है
मिट्टी से भी और माँ से भी।
क्योंकि- माँएं जानती हैं कि
आंदोलन के बगैर, सृजन संभव नहीं।