30 सितम्बर 2022
2 फ़ॉलोअर्स
आपकी बोली के सभी रचनाकार सदस्यों को सादर जय श्री कृष्ण:🥰🙏D
मोह नही ये माया है,प्रेम जिसमें छाया है।-हार्दिक महाजन
प्रेम का दूसरा नाम "समर्पण" है,लेकिन पहला नाम अभी भी "राधा कृष्ण" है!-हार्दिक महाजन
प्रेम का दूसरा नाम ही त्याग है।राधा का प्रेम कान्हाके लिये सदैव पूजनीय रहा ....परन्तु फिर रुक्मणी केप्रेम को नज़रअंदाज़किया जाना उचित है....."हाँ"....सच तो यही है प्रेम हमेशात्याग मांगता है,,कभी अप
कुछ खट्टी, कुछ मीठी,प्रेम के एहसासों की,मधुरता प्रेम सम्बंध की।राधे कृष्ण के हृदय में,कभी किसी से कम ना हो, ये प्रेम है हृदय में बसे अहसासों का।-हार्दिक महाजन
यूँ ही कटता चला गया वक्त सभी मेरा परेशानी की औऱ कोई बात नहीं,मेरे श्याम की कृपा के आगे सारे दिये हुए ग़मो की कोई औक़ात नहीं।