देश की जनता के रुपयों पर कब तक 'ऐश' होता रहेगा?
हमारे देश के प्रधानमन्त्री कहते हैं : मैं 'जनता का सेवक' हूँ; मैं आप सबका 'प्रधान चौकीदार' हूँ; परन्तु विडम्बना देखिए, उनका काम 'चौकीदारी' का और मीडिया की सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। यदि वे सचमुच, जनसेवक हैं तो संवैधानिक रूप में 'प्रधानमन्त्री' के स्थान पर 'प्रधान जनसेवक' कहलाने के लिए क्यों नहीं प्