मेरी चित्रलेखा की खिलखिलाहट
मुझे निमंत्रण कर रही है
अज्ञात प्यास-कुण्ड में
निमग्न हो जाने के लिए।
सम्मोहक शक्ति के
संस्पर्श और संघर्षण
मेरी देह के आचरण की
पट-कथा लिख रहे हैं
और मैं सूत्रधार के रूप में
अपनी ही पराजय की
पृष्ठभूमि सुना रहा हूँ।
--- डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ०पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १७ जुलाई, २०१९ ईसवी)