सुन्दर हो तुम मन से तन से
करियारी नहीं छा पायी है
दृढ़ता है निश्छल मन है
तब नूरानी कहलायी हो
तुमसे सुन्दर होगा भी जो
दुनिया जाने या तुम जानो
मेरे मन को इस धरती पर
केवल तुम्ही लुभायी हो
अब सुंदरता के वश होकर
निश्छल मन मेरा ये कहता
तुम भी चल दो मै भी चल दू
ऐरावत पथ के मेले में
सब देव वहाँ तुमको देखे
फीके हो सबके रंग रूप
ऐरावत पथ की श्वेत राह
तुमसे ही हो उर्जित अटूट
तुम ही हो आदि अनंत मार्ग
जिसपर चलते हर जीव आज
तुम ही जीवन की परिभाषा
तुमसे ही जीवित है आशा
हर क्षण मेरे नैनो में
एक तुम ही जगती प्रत्याशा