मैनै देखा जागरुकता ! आज की शाकाहार प्रभात फेरी में
आपने भी कहीं देखा होगा होगा
पर मैंने जो देखा अविश्वसनीय था ! लोग तमाशा देखते हैं खड़े होकर पर कोई कुछ नहीं करता शायद इस डर से कि उनका समय बर्बाद न हो जाए वे भी कहीं फस न जाए पर मैंने देखा उस अधेड उम्र की महिला को जिसकी आवाज में सकारात्मकता थी बड़ी बेबाकी से सत्य का पक्ष लेकर अकेले खड़ी बोल रही थी वो जागरुक थी उसे ज्ञान था की वो कई औरों को जागरुक करने का सामर्थ्य रखती है
रोज की तरह आज भी प्रभात फेरी के दौरान एक नुक्कड़ पर खड़े होकर गुरु महाराज का संदेश सुनाया जा रहा था वहां स्कूल के छोटे नन्हे छात्रों को लेकर माताएं बस की बाट जोहती खड़ी थी उन्हीं के बगल हमारे दल शांत खड़े होकर संदेश के आधार को बल दे रहे थे , जैसा की कुछ लोगों को अपना प्रभुत्व प्रदर्शित करने की आदत होती है एक अधेड़ उम्र का आदमी अंदर आक्रोश से भरा बाहर से बनावटी निवेदन के साथ पास आने लगा वैसे तो हमने ऐसे कई खलल झेले थे बिना परेशान हुए संदेश रोककर उसका निवेदन सुना गया " इदर लेडिज ओर बच्चे खड़े रेते हे , स्कूल की बस बी इदरी आती हे आपलोग यहां से चले जाओ , लेडिज ओर बच्चे से बड़ा तुमारा भगवान नई होता " हमने सुना उसके चेहरे भांप लिए थे इसलिए उसे फुसलाकर संदेश फिर से शुरु किया गया वैसे लोगों को खडे रहने के लिए पर्याप्त जगह थी किसी को कोई परेशानी नही हो रही थी इन सब बातो का जायजा पहले ही लिया जा चुका था , वह माना नहीं कुछ देर बात फिर आया अबकी बार चेहरे और शरीर पर प्रश्नचिन्ह लिए हुए था उसका इशारा था की आप अभी भी नही गए उसी मुद्रा मे थोडी देर खडा रहा फिर फोटो निकालने लगा तीन से चार बार रुक रुककर फोटो लिया अलग अलग कोण मे और संदेश समाप्त होने का इंतजार करने लगा इस पूरे घटनाक्रम को हमने नजरअंदाज करने की कोशिश की और संदेश समापन कर घर की तैयारी मे लगे वह मान कहां रहा था सुनाने लगा खरी खोटी पूरा जमाव तमाशा देख रहा था सिवाय उस महिला के जिसने हमारा पक्ष लेकर उसकी आलोचना की बात पुलिस तक पहुंच गई थी मैने देखा कैसे वह बोल रही थी , उस पूरे भीड मे केवल वही जागरुक थी !
क्या आप भी जागरुक हैं ?