नियति से समझौता कैसे हो
मेरा बल तेरा बल सबका बल साथ हो भी
आनेवाले कल से समझौता कैसे हो
परिणामो को स्वीकार करो
प्रकृत का गढ़ा आकर बनो
जो होता होने दो , जो भी होता हैं होने दो
ये सोचकर क्यों तुम भी....? कर्ज का हिस्सेदार बनो...!
चलो परिवर्तन का आधार बनो.....1
हम नाचे तुम नाचो...
ये नाचे वो नाचे..
आनेवाले काल चक्र के नवयुग का हिस्सेदार बनो
चलो परिवर्तन का आधार बनो
krishnkumar...