shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

मुझे संभालों

ENGINEER SHASHI KUMAR


इस पुस्तक में एक लड़के के जीवन पर प्रकाश डाला है जिसमें वह अपनी जिंदगी में कुछ गलतियां करने के कारण बहुत पछतावा करता है। वह इतना जिद्दी है कि उसे अपनी जिद के सामने सब कुछ छोटा लगता है  

mujhe sambhaloon

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

मुझे संभालों

2 सितम्बर 2022
0
0
0

(यह रचना भारत में बसने वाले उन लोगों की हालत का साक्षात बयान करती है जो अपनी जिंदगी का विनाश अपनी आंखों के सामने होते हुए देखते है। इसके अलावा गांव के गंदे बच्चों की संगति जो उसे सदा के लिए बर्बाद करक

2

मुझे संभालों भाग-2

3 सितम्बर 2022
0
0
0

गांव के लोगों के मन में उस समय शिक्षा कि इतनी समझ विकसित नहीं हो पाई थी उनके अनुसार पढाई केवल नौकरी के रूप की जाती है। वे लोग समझते थे कि शिक्षा ग्रहण करना केवल उन लोगों के लिए आवश्यक है जिन्हें

3

मुझे संभालों भाग-3

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन की जिंदगी अभी भी बचपन के दौर से गुजर रही थी। वह अभी भी एक पांच साल के बच्चे की तरह अपनी जिंदगी के दिन गुजार रहा था।उसने कई बच्चों को अपना दोस्त बना रखा था। ये बच्चे उसे खेलने के लिए बहुत प्रेरित

4

मुझे संभालों भाग-4

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन भी अपने समाज और अपने परिवार के साथ बहुत ही खुशी के साथ अपना जीवन जी रहा था।वह उन लोगों की संगति में पड गया था जो बहुत ही खराब किस्म के बच्चे थे ।उनका सारा दिन मौज मस्ती में गुजर जाता था। उनक

5

मुझे संभालों भाग-5

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन का मन पढ़ने के लिए बिलकुल नहीं था यह घर वालों का दबाव था कि कुछ लोग इस समय रिश्ते करने के लिए पढ़ाई के बारे में पूछते हैं।धीरे-धीरे समय बदल रहा है लोग पढे-लिखे लड़के खोजने लगे हैं। एक समय था

6

मुझे संभालों भाग-6

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

शहर के सिनेमा में भीड़ लगी रहती थी क्योंकि यह गांव का एकमात्र सिनेमा था।गांव के लड़के इसमें मनोरंजन के लिए नहीं जाते थे बल्कि वे यहां से उन संस्कारों को सीख रहे थे जो एक विलेन करता था।इस सिनेमा में आस

7

मुझे संभालों भाग-7

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन को स्कूल जाये हुए चार दिन हो गए थे।उसका स्कूल जाने का मन ही नहीं कर रहा था।सारे दिन अपने निकम्मे दोस्तों के साथ खेलता था और शाम को घर आकर ठूंस-ठूंस कर खाता।उसे जिंदगी में किसी भी बात की परवाह नही

8

मुझे संभालों भाग-8

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन के माता-पिता उसे अपने घर लेकर आ गये और घर पर ले जाकर उसे समझाने लगे।पापा:बेटे तुम हमारी इस गरीबी की जिंदगी को क्यों खराब कर रहे हो।तुम्हें सोचना चाहिए कि तुम अभी बहुत छोटे हो यदि गलत आदतें तुम्हा

9

मुझे संभालों भाग-9

29 अक्टूबर 2022
0
0
0

रोहन को कल सुबह स्कूल जाना था क्योंकि उसके मम्मी पापा ने उसे बुरी तरह डांट दिया था।इस समय वह स्कूल से रूक भी नहीं सकता था क्योंकि उसे कैसे भी अपने पापा के चंगुल से बाहर निकलना था, इसलिए वह अंदर ही अंद

10

मुझे संभालों भाग-10

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन:- बसंत भैया तुम्हें मेरे भाई का किरदार निभाना है।ऐसी एक्टिंग करना कि टीचर भी मात खा जायें। कभी तुम मुझे मरवा मत देना क्योंकि पहले ही मेरे घरवाले मेरे ऊपर बहुत बुरी तरह खफा हैं और यदि उनके पास शिक

11

मुझे संभालों भाग-11

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन:- उस दिन मैं सारे दिन स्कूल में रहा और बसंत भैया के लिए गुस्सा करता रहा क्योंकि उसने मुझे टीचर और सभी लड़कों के सामने बहुत सताया था।वह में वास्तविक भाई से भी ख़तरनाक भूमिका निभा रहा था वास्तव में

12

मुझे संभालों भाग-12

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन:- मैं उस दिन बसंत भैया के अड्डे से बड़ी मुश्किल से निकल आया लेकिन मुझे डर इस बात का था कि बसंत भैया नशे में है और मेरा पीछा करके मुझे वापस नहीं बुला ले,मैं जब तक घर नहीं पहुंचा यही डर सता रहा था।

13

मुझे संभालों भाग-13

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन :-बसंत के अड्डे से शराब पीकर मैं नशे में चूर हो गया और सो गया था।मेरा सिर चकरा रहा था । मेरे लिए बसंत की पाठशाला में आनंद आने लगा था।मैं नहीं चाहता था कि मुझे नशे की गंदी आदतें लगे लेकिन दोस्तों

14

मुझे संभालों भाग-14

1 जनवरी 2023
0
0
0

बसंत के अड्डे में चार लकड़ियों पर खड़ा छप्पर जिसमें टूटी सी दो कुर्सियां एक पानी की मटकी और दो टूटी सी खाट जिन पर ताश के पत्ते बजाएं जाते थे और एक टूटी सी पेटी जिसमें एक ताला लगा हुआ था ।बसंत का खजाना

15

मुझे संभालों भाग-15

1 जनवरी 2023
0
0
0

जिस तरह कम्प्यूटर के सी.पी.यू में की प्रोग्रामिंग करने के बाद उसकी मेमोरी में अपने आप सब कुछ सुरक्षित हो जाता है उसी तरह मनुष्य की जिंदगी में उसका माहौल प्रोग्रामिंग करता है और अतीत उसके अवचेतन मन में

16

मुझे संभालों भाग-16

1 जनवरी 2023
0
0
0

मनुष्य की जिंदगी में किसी भी गंदी चीज की लत लग जाना एक बहुत ही बुरी बात है किसी भी चीज की गंदी लत लगने के बाद वह अपने पतन की तरफ बढ़ने लगता है ।रोहन :- मैं उस दिन मम्मी से कुछ नहीं कहा था और चुपचाप अं

17

मुझे संभालों भाग-17

1 जनवरी 2023
0
0
0

पापा:-जैसे ही मुझे पता लगा मुझे बहुत बडा झटका लगा और मेरी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया क्योंकि मेरे दिल की तमन्नाएं मेरे दिल में ही रह गई।संतान ऐसी पैदा हुई कि मेरे तो कर्म ही फूट गए। मेरे तो न

18

मुझे संभालों भाग-18

1 जनवरी 2023
0
0
0

"" सपूत के पैर पालने में ही नजर आते हैं ""रोहन के पिता:- मैं कैसे अपनी जिन्दगी की संतुष्टि करूं । दूसरों के बच्चों को देखकर मन करता है कहीं कुंए में डूबकर मर जाऊं।मेरा मन नहीं मान रहा था उस दिन मैंने

19

मुझे संभालों भाग-19

1 जनवरी 2023
0
0
0

""किसी भी बेटे के मां बाप अपना हृदय कठोर क्यों ना करें जब उसकी जिंदगीभर के अरमान मिट्टी में मिल जाये और उसकी संतान नालायकी करते हुए बिलकुल ना डरे ।रोहन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था और उस पत्थर दिल

20

मुझे संभालों भाग-20

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन:- मैं आदर जाकर आंख बंद करके सोने का बहाना कर रहा था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे पिताजी आते ही बवंडर खड़ा करने वाले हैं मेरी मम्मी बाहर खाना बनाने में व्यस्त थी। मैं काफी देर‌ से इंतजार

21

मुझे संभालों भाग-21

1 जनवरी 2023
0
0
0

रोहन का पापा:-अपनी शादी के बाद अब रोहन प्रेम की असीम उत्कंठाओं में डूब गया। प्रेम के गहरे सागर में डुबकी लगाते हुए रोहण ने अपनी पढ़ाई को अलविदा कह दिया।शादी को साल भर होता जा रहा था लेकिन रोहन अ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए