प्यार और मोहब्बत के बीच में सारे अंतर सही होते है मगर एक अंतर ही बीच में गलत होता है और वो होता है धोका
प्यार जब तक सही होता है तबतक सही है मगर जब प्यार और मोहब्बत के बीच मैं धोका आ जाता है तो एक जंग सी छिड़ जाती है और वो जंग प्यार को ले डूबती है और ये कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे प्यार मोहब्बत है और कहानी का अंत होता है धोके से
एक शहर था जिसका नाम था मुंबई आप लोग तो जानते ही होगे की मुंबई कितना भीड़ भाड़ वाला शहर है जहा पर सफर करने मैं भी दिकत आती है लोगो को ऑफिस स्कूल किसी भी जगा पर जाने के लिए ट्रेन मैं लटककर जाना पड़ता है तो इसी भीड़ भाड़ वाले शहर मैं एक लड़का रहता था जोकि मुंबई के जुहू इलाके में रहता था और वो लड़का एक बिस्किट बनाने वाली कंपनी में मैनेजर का काम करता था लड़का खूब मेहनती और सरल स्वभाव वाला था लड़के की पूरी फैमिली गुजरात में रहती थी और लड़का यहां मुंबई में भाडे के मकान में अकेला रहता था और सुभा होते ही सात बजे घर से अपने काम पर जाने के लिए निकल पड़ता था और एक दिन ऐसा ही हुआ वो अपने घर से सात बजे सुभा काम पर जाने के लिए निकल पड़ा उसके पास गाड़ी कुछ नही था वो हररोज अपने घर के बाहर से एक ऑटो बंध लेता था और फिर रेलवे स्टेशन तक पहुंच जाता था और वहा से वो लोकल ट्रेन में बैठकर अपनी कंपनी तक पोहुच जाता था और वो अचानक अपनी कंपनी तक पोहूच गया और बाद मैं वो वहा अपनी कंपनी में जाकर अपना काम शुरू कर देता है