एक छोटा सा टुकड़ा प्यार का
भर जाता अक्सर जीने का उत्साह दिल में
महक से हो जाता गुलजार
ये संसार भी निश्छल प्यार में
कौन कहता है कि प्यार बुरा होता है
जीने की उम्मीद जगा जाता दिल में ।
फना हो जाती है अक्सर
मोहब्बत मोह्हबत के इंतजार में
रुसबा हो जाता है दिल
किसी के इकरार में
कौन कहता है कि प्यार बुरा होता है
हँसने की वजह बन जाता दर्द भी प्यार में
सुनसान रास्तों पर किसी एक का
साथ भी हौसला देता है
मंजिलों का हमसफर बन जाता
वो अजनबी भी इख्तियार में
कौन कहता है प्यार बुरा होता है
मुस्कराने की सजा दे जाता बियावान में ।
होठों पर ठहरे हुए दो लफ्ज दरिया हैं
जैसे रेगिस्तान में
रेत भी बन जाती है
जिंदगी का अहम हिस्सा शहरयार में
कौन कहता है प्यार बुरा होता है
अक्सर बन जाता है आईना भी हमराज
इंतजार में ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़