न्याय या मजाक
बेटियों की जान सस्ती होती है ,ये कानून ने भी समझा दिया ।मार दी जाती हैं निर्ममता से ,वहशियों को दिलासा दे दिया ।क्यूँ नहीं खौलता खून तुम्हारा ,बेहयाई की हद देखकर भी ।क्या छोड़ देते तुम कसूरवारों को ,गर निर्भया तुम्हारी बेटी होती ।कैसे मासूम हो सकते हैं वो ,जिन्हें एक प