सपने सच होते हैं
बस पूरी शिद्दत के साथ उनके पीछे लगे रहो, बढ़ते रहो उनकी की तरफ, धीरे -धीरे लगातार बिना थके बिना रुके,
तो सपने सच होते हैं।
बुझने न दो उन्हें, छुपा लो मन के कोने में,
सुलगने दो उन्हें, धीरे -धीरे
जब जरा तेज हवा चलेगी, शोले बन जायेंगे और आपके सपने सच हो जायेंगे।
जब वक्त हमारे हाथ मे न हो और अपनों का भी साथ न हो , तब भी कोशिश करते रहो
क्यों कि क्यों कि
कोशिशे ही तो कामयाब होती है,
बस मन में दबी हो ख्वाहिशे तभी तो पूरी होती है।
पूरी शिद्दत से चाहो तो ईश्वर भी मिलता है,जो सबका हैं।
लेकिन सपने
वो तो हमारे अपने हैं, बस तुम उन्हें इन आंखों में पलने तो दो
तब सपने सच होते हैं।
तब सपने सच होते हैं।