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रचना भोला ‘यामिनी’ पिछले इक्कीस वर्षों से मौलिक लेखन व अनुवाद के क्षेत्र में कार्यरत हैं। मौलिक लेखन में जीवनियाँ, साहित्य, धर्म, पत्रकारिता, समाज, अध्यात्म, सामान्य ज्ञान, साहित्य, महिलोपयोगी, बाल साहित्य, पेरेंटिंग आदि विविध विषयों पर 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित जिनमें लघुकथा संग्रह ‘प्रयास’ तथा द्रौपदी पर आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया उपन्यास ‘याज्ञसेनी’, हिंदी पत्रकारिता उद्भव और विकास, भारत-रत्न सम्मानित विभूतियाँ, कैसे बनाएँ बच्चों का भविष्य उज्ज्वल, भक्तजननी माँ शारदा, भगिनी निवेदिता, रैदास वाणी, अमीर खुसरो, बुल्ले शाह, मेजर ध्यानचंद, गृहिणी एक सुपर वूमैन, शिरडी के साईं आदि उल्लेखनीय हैं। वे राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम लेखकों की लगभग 100 से अधिक कृतियों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर चुकी हैं। लेखन व पठन-पाठन के अतिरिक्त वे पर्यटन, संगीत की विविध विधाओं, विश्वस्तरीय सिनेमा व लोक परंपराओं के अध्ययन में विशेष रुचि रखती हैं। शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा।

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चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु का बचपन का नाम विश्वंभर था। उनका जन्म चंद्रग्रहण के दिन हुआ था। लोग चंद्रग्रहण के शाप के निवारणार्थ धर्म-कर्म, मंत्र आह्वान, ओ३म् आदि जप-तप में जुटे हुए थे। शायद इस धार्मिक प्रभाव के कारण ही चैतन्य बचपन से ही कृष्ण-प्रेम और जप-तप में

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चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु का बचपन का नाम विश्वंभर था। उनका जन्म चंद्रग्रहण के दिन हुआ था। लोग चंद्रग्रहण के शाप के निवारणार्थ धर्म-कर्म, मंत्र आह्वान, ओ३म् आदि जप-तप में जुटे हुए थे। शायद इस धार्मिक प्रभाव के कारण ही चैतन्य बचपन से ही कृष्ण-प्रेम और जप-तप में

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परमहंस योगानंद एक जीवनी

परमहंस योगानंद एक जीवनी

परम विशिष्ट आध्यात्मिक विभूतियों में से एक श्री श्री परमहंस योगानंदजी द्वारा दी गई शिक्षाएँ तथा कालजयी विचार धर्म, दर्शन, विज्ञान, मनोविज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों के लिए समान रूप से सार्थक और स्तुत्य हैं। उन्होंने विदेशों में क्रिया, योग, विज्ञान तथ

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परमहंस योगानंद एक जीवनी

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परम विशिष्ट आध्यात्मिक विभूतियों में से एक श्री श्री परमहंस योगानंदजी द्वारा दी गई शिक्षाएँ तथा कालजयी विचार धर्म, दर्शन, विज्ञान, मनोविज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों के लिए समान रूप से सार्थक और स्तुत्य हैं। उन्होंने विदेशों में क्रिया, योग, विज्ञान तथ

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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक समाज-सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वराज की माँग उठाई। उनका कथन ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ ने स्वाधीनता सेनानियों में नया जोश भ

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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

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भारत माँ के अमर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक समाज-सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने सबसे पहले पूर्ण स्वराज की माँग उठाई। उनका कथन ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ ने स्वाधीनता सेनानियों में नया जोश भ

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मैडम भीकाजी कामा

मैडम भीकाजी कामा

‘मैडम भीकाजी रुस्तम कामा भारतीय मूल की फ्रांसीसी नागरिक थीं, जिन्होंने लंदन, जर्मनी तथा अमेरिका का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में वातावरण बनाया। उनके द्वारा पेरिस से प्रकाशित ‘वंदेमातरम्’ पत्र प्रवासी भारतीयों में काफी लोकप्रिय हुआ। सन् 1909

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मैडम भीकाजी कामा

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‘मैडम भीकाजी रुस्तम कामा भारतीय मूल की फ्रांसीसी नागरिक थीं, जिन्होंने लंदन, जर्मनी तथा अमेरिका का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में वातावरण बनाया। उनके द्वारा पेरिस से प्रकाशित ‘वंदेमातरम्’ पत्र प्रवासी भारतीयों में काफी लोकप्रिय हुआ। सन् 1909

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 मन के मंजीरे

मन के मंजीरे

‘‘ठिठुरते जाड़े में, तेरे प्रेम की गरमाहट से,सूफ़ी क़लंदर के तन पर लिपटी, मोटी सूती चादर से,हमारी फ़क़ीरी के आलम में, इश्क़ की नवाबी शान से,संजीदा उमरों के बीच, दिल की शोख़ नादानियों सेतेरे कांधे पर रखे सर से, मिलने वाली राहत से,तेरे हौसले, भरोसे और अपनेपन

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 मन के मंजीरे

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‘‘ठिठुरते जाड़े में, तेरे प्रेम की गरमाहट से,सूफ़ी क़लंदर के तन पर लिपटी, मोटी सूती चादर से,हमारी फ़क़ीरी के आलम में, इश्क़ की नवाबी शान से,संजीदा उमरों के बीच, दिल की शोख़ नादानियों सेतेरे कांधे पर रखे सर से, मिलने वाली राहत से,तेरे हौसले, भरोसे और अपनेपन

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भगिनी निवेदिता

भगिनी निवेदिता

इस पुस्तक में भगिनी निवेदिता के समर्पित व्यक्तित्व की एक झलक प्रस्तुत करने की चेष्टा की गई है। निःसंदेह ऐसे महान् चरित्रों की उपलब्धियाँ शब्दों में नहीं आँकी जा सकतीं; किंतु यह हमारी ओर से उस सच्ची साधिका के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि है। आशा है; पा

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भगिनी निवेदिता

भगिनी निवेदिता

इस पुस्तक में भगिनी निवेदिता के समर्पित व्यक्तित्व की एक झलक प्रस्तुत करने की चेष्टा की गई है। निःसंदेह ऐसे महान् चरित्रों की उपलब्धियाँ शब्दों में नहीं आँकी जा सकतीं; किंतु यह हमारी ओर से उस सच्ची साधिका के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि है। आशा है; पा

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 शेख फ़रीद वाणी

शेख फ़रीद वाणी

रचना भोला ‘यामिनी’ द्वारा विचरित शेख फ़रीद वाणी पुस्तक में शेख फ़रीद की वाणी अर्थ एवं भावार्थ सहित सरल भाषा शैली में प्रस्तुत किया गया हैं, इस पुस्तक में उनकी जीवनी, वाणी जीवन से जुड़े प्ररेक प्रसंगो व उपदेशो पर प्रकाश डाला गया हैं|

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 शेख फ़रीद वाणी

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रचना भोला ‘यामिनी’ द्वारा विचरित शेख फ़रीद वाणी पुस्तक में शेख फ़रीद की वाणी अर्थ एवं भावार्थ सहित सरल भाषा शैली में प्रस्तुत किया गया हैं, इस पुस्तक में उनकी जीवनी, वाणी जीवन से जुड़े प्ररेक प्रसंगो व उपदेशो पर प्रकाश डाला गया हैं|

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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद

हॉकी सम्राट्’ और ‘हॉकी के जादूगर’ जैसे विशेष्णों से विभूष्त मेजर ध्यानचंद का नाम किसी के लिए भी अपरिचित नहीं है। बचपन में उनमें एक खिलाड़ी के कोई क नहीं थे, इसलिए कह सकते हैं कि उनमें के खेल की प्रतिभा जन्म जात नहीं थी।उन्होंने अपनी सतत साधना, लगन, अ

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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद

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हॉकी सम्राट्’ और ‘हॉकी के जादूगर’ जैसे विशेष्णों से विभूष्त मेजर ध्यानचंद का नाम किसी के लिए भी अपरिचित नहीं है। बचपन में उनमें एक खिलाड़ी के कोई क नहीं थे, इसलिए कह सकते हैं कि उनमें के खेल की प्रतिभा जन्म जात नहीं थी।उन्होंने अपनी सतत साधना, लगन, अ

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