परम विशिष्ट आध्यात्मिक विभूतियों में से एक श्री श्री परमहंस योगानंदजी द्वारा दी गई शिक्षाएँ तथा कालजयी विचार धर्म, दर्शन, विज्ञान, मनोविज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों के लिए समान रूप से सार्थक और स्तुत्य हैं। उन्होंने विदेशों में क्रिया, योग, विज्ञान तथा अध्यात्म के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय योगदान दिया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। पूज्य परमहंस योगानंद ने ‘योगदा सत्संग सोसाइटी’ तथा ‘सेल्फ रियलाइजेशन फैलोशिप’ नामक संस्थाओं की स्थापना की। ये स्थँ अपने जगद्गुरु के संदेशों तथा विचारों को मौलिक व प्रामाणिक रूप में पूरे विश्व में प्रचारित करने के लिए कटिबद्ध हैं। इस पुस्तक को तैयार करने में स्वामीजी की इन्हीं संस्थाओं से प्रकाशित पुस्तकों से मदद ली गई है—विशेष रूप से पूज्य स्वामीजी द्वारा लिखित ‘योगी कथामृत’ से। इस पुस्तक में स्वामी योगानंदजी के विचारों को ही मूर्त रूप प्रदान किया गया है। त्याग, तपस्या, संयम, योग, अध्यात्म से अनुप्राणित पूज्य स्वामी परमहंस योगानंद का अद्भुत चरित्र-चित्रण, जो सामान्य जन को प्रेरित करेगा और एक आदर्श मानव बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा।.
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