कहानीकार के रूप में 35 वर्ष से सृजन कर रहा हूँ . लगभग 4 कहानी संग्रह और 3 उपन्यास व् बाल साहित्य की 5 पुस्तक पर्काशित हुई हैं
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न कहानी- इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके फकीरचन्द ने एक और आदमी मार डाला ’ मिश्रा जी जब भी आते हैं ऐसा ही कोई विलक्षण जुमला बोलकर घर में इंट्री करते हैं। मैंने मुस्कराते हुए पूछा-‘किसे
राजनारायण बोहरे की कहानी भय कॉलेज से चौराहा दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूर था। इस दूरी को पाटती थी सड़क । तारकोल की उम्दा सड़क ! सड़क पर सब था, पेड़ , परिन्दे , माइल स्ट