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राजनारायण बोहरे की कहानी भय कॉलेज से चौराहा दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूर था। इस दूरी को पाटती थी सड़क । तारकोल की उम्दा सड़क ! सड़क पर सब था, पेड़ , परिन्दे , माइल स्ट
न कहानी- इलाज़ राजनारायण बोहरे- आज आपके फकीरचन्द ने एक और आदमी मार डाला ’ मिश्रा जी जब भी आते हैं ऐसा ही कोई विलक्षण जुमला बोलकर घर में इंट्री करते हैं। मैंने मुस्कराते हुए पूछा-‘किसे