राम लखारा
राम लखारा 'विपुल' हिंदी के कवि और लेखक के रूप में जाने जाते है.सम्प्रति- भारतीय डाक विभाग में एसबीसीओं शाखा में कार्यरत। राजस्थान के छोटे कस्बे सिणधरी में 14 अगस्त 1992 कों जन्म। अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और हिंदी साहित्य में परास्नातक (MA)। राम लखारा आज की पीढ़ी के 24 वर्षीय चिंतक युवा कवि है। श्रृंगार और जीवन दर्शन उनकी कविताओं का मुख्य विषय रहा है।प्रकाशन - 'मधुमती', 'माणक', 'मरू आंदोलन', 'मरू गुलशन', 'दैनिक युगपक्ष', 'जनसभा गतिविधि' आदि पत्रिकाओं में तथा 'वेब दुनिया', 'होप्स मैग्जीन', 'काव्य सागर', 'साहित्य कुंज', 'प्रयास', 'पांच लिंको का आनंद' आदि राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय वेब पत्रिकाओं में इनकी कविताओं का प्रकाशन जारी है। काव्य संग्रह 'कविता अनवरत-1 (2015)', 'कविता अनवरत-1 (2016)' (प्रकाशित), काव्य संग्रह 'प्रेम काव्य सागर (2016)' , 'कलम के कदम (2016)', 'सत्यम प्रभात (2016)' (प्रकाशनाधीन) में इनकी कविताओं को शामिल किया गया है। विभिन्न कवि सम्मेलनों, काव्य गोष्ठियों और आकाशवाणी में इनकी कविताएं निरंतर गुंजायमान है।सम्मान- जेएमडी प्रकाशन दिल्ली द्वारा "प्रेम सागर सम्मान (2016)" की घोषणा।ब्लॉग - ब्लॉगर के रूप में राम लखारा 'विपुल' का ब्लाॅग काव्य प्रेरणा पाठक प्रिय और चर्चित ब्लाॅग है।,राम लखारा 'विपुल' हिंदी के कवि और लेखक के रूप में जाने जाते है.सम्प्रति- भारतीय डाक विभाग में एसबीसीओं शाखा में कार्यरत। राजस्थान के छोटे कस्बे सिणधरी में 14 अगस्त 1992 कों जन्म। अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और हिंदी साहित्य में परास्नातक (MA)। राम लखारा आज की पीढ़ी के 24 वर्षीय चिंतक युवा कवि है। श्रृंगार और जीवन दर्शन उनकी कविताओं का मुख्य विषय रहा है।प्रकाशन - 'मधुमती', 'माणक', 'मरू आंदोलन', 'मरू गुलशन', 'दैनिक युगपक्ष', 'जनसभा गतिविधि' आदि पत्रिकाओं में तथा 'वेब दुनिया', 'होप्स मैग्जीन'