Ramdarash Mishra
Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan
रामदरश मिश्र के कथा साहित्य के केंद्र में मनुष्य है, उसकी पीड़ा दुःख कथा है। मनुष्य की चिंता लगभग सभी कहानियों में देखी जा सकती है। यह मनुष्य गाँव का, नगर का अथवा महानगर का है। लेखक ने गाँव भी देखा है, नगर तथा महानगर भी। उसके जीवन के अनुभव व्यापक हैं
Ramdarash Mishra Ki Lokpriya Kahaniyan
रामदरश मिश्र के कथा साहित्य के केंद्र में मनुष्य है, उसकी पीड़ा दुःख कथा है। मनुष्य की चिंता लगभग सभी कहानियों में देखी जा सकती है। यह मनुष्य गाँव का, नगर का अथवा महानगर का है। लेखक ने गाँव भी देखा है, नगर तथा महानगर भी। उसके जीवन के अनुभव व्यापक हैं
Pani Ke Pracheer
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में ‘पानी के प्राचीर’ डॉ. रामदरश का बहुचर्चित उपन्यास है, जिसे काफी सम्मान मिला है। यह उपन्यास स्वतन्त्रता प्राप्ति तक के भारतीय गाँव की प्रामाणिकता गाथा प्रस्तुत करता है मिश्र जी गाँव के जीवन के किसी एक पक्ष का इकहरा विधान
Pani Ke Pracheer
हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों में ‘पानी के प्राचीर’ डॉ. रामदरश का बहुचर्चित उपन्यास है, जिसे काफी सम्मान मिला है। यह उपन्यास स्वतन्त्रता प्राप्ति तक के भारतीय गाँव की प्रामाणिकता गाथा प्रस्तुत करता है मिश्र जी गाँव के जीवन के किसी एक पक्ष का इकहरा विधान