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राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह)

Rajeev Namdeo Rana lidhorI

2 अध्याय
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6 अक्टूबर 2022 को पूर्ण की गई

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' की प्रेम से सराबोर समकालीन 62 हिन्दी ग़ज़लें एक बार जरूर पढ़े । झलकियां- पुस्तक से कुछ शेर - यूं ही देखते रहो प्यार हो जायेगा। नज़रों ही नज़रों में खेल हो जायेगा।। *** जब हंसी होंठो पे आई होगी। अदा वो दिल में समाई होगी।। *** न दिन में चैंन है न रात में सुकूंन है। जब से तिरी निगाह में गिरफ्तार हुए हैं।। *** न दौलत न शौहरत न रव। प्यार को बस वफ़ा चाहिए।। *** मिल गया दिल ऐ राना तुम्हें। फिर क्या इसके सिवा चाहिए।। *** और भी सैकड़ों प्यार भरे शेर... एक बार जरूर पढ़िएगा एक प्यार भरा अफसाना। ये "राना का नज़राना"।।  

rana kaa najarana gazal sangrah

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