पंँक्षियों की तरह ही आसमांँ को माप लेंगे हम ,हमारे पंखों में थोड़ी सी मजबूती तो आने दो।
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जीवनजीवन में सब कुछ हमारे चाहने जैसा ही नहीं होता है, बल्कि वह सब कुछ भी घटित होता है, जो पहले से तय है या यूं कहें कि हमारे नियंता ने पहले ही नियत कर रखा है। लेकिन जीवन में इसके बाद भी बहुत कुछ हमारी