बस इतनी सी चाह मेरी कफ़न तिरंगा पाऊँ मैं। तेरी खुशबू से भर कर सौ-सौ जन्म गवाऊं मैं। केसरिया बाना मैं पहनूँ केसरी रंग सजाऊं मैं। इस तिरंगे की खातिर सौ-सौ जन्म गवाऊं म
मैं सुन्दर नहीं हूँ 'आज घंटों से आइने में खुद को निहार रही थी अंशिका, कभी अपनी आँखों को देखती, कभी अपने गालों को, कभी होंठो को तो कभी नाक को। 'अरे! क्या घंटों से आइने में निहार रही हो अंशी', माँ ने जोर से आवाज लगायी। अंशिका माँ के
टी वी पर आज पीके पिक्चर आ रही थी । पहले एकबार पूरी पिक्चर देखी थी। आज जब टी वी खोला तो शंकर भगवान के वेश में एक नाटक के कलाकारकी हीरो आमिर खान द्वारा छीछालेदार हो रही थी। हमने बहुत लिबरल होने की कोशिश की लेकिन इस पिक्चर को पूरी पचा नहीं पाया। हर धर्ममें बहुत सी अच्छी बातें बताई जातीं कई । कुछ रूढ़िया
पुलिस की छवि बदलता एक अफसर पुलिस किसी भी क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि आम लोग मदद के लिए पुलिस के पास जाने से बचते हैं । पुलिस चाहे हमारे देश की हो चाहे विदेश की बच्चा बच्चा उससे डरता है। हमारे मानस पटल पर ब