साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं बल्कि इसमें एक संपूर्ण स्त्री का व्यक्तित्व है।
अक्सर अन्य कंफर्टेबल ड्रेसेज के बाद जब कोई लड़की साड़ी पहनती है तो उसकी खूबसूरती हजारों गुना बढ़ जाती है।
साड़ी की लंबाई दुनिया के किसी भी परिधान से सबसे ज्यादा होती है, जो एक स्त्री के विशाल हृदय को दर्शाती है।
उसका पल्लू किसी भी बड़े से बड़े छाया देने वाले वृक्ष से भी ज्यादा सुकून देने वाला होता है।
जब साड़ी पहनकर एक स्त्री पालथी मारकर उस पालथी में बच्चे को लिटा लेती है तो दुनिया का कोई भी झूला उस बच्चे को उतनी सुकून भरी नींद नहीं दे सकता जितना वो गोदी देती है।
ठंड में पल्लू से ढक भर देने से बच्चों की ठंड छूमंतर हो जाती है।
ऐसे ही न जाने कितने भावनात्मक पहलू है साड़ी के जो एक स्त्री को देवी का दर्जा दिलाते हैं।
इसलिए साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं बल्कि अपनी विशालता की तरह एक स्त्री की विशालता को दर्शाता है।