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तुम ही तो हो

24 अक्टूबर 2021

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सम्हाला था जीवन की ठोकरो पर कभी तुमने हमें,
वो मेरा विश्वास था या तुम्हारा एहसान था ।
जिसे हमने समझा तुम्हारे प्यार का एहसास,
वो तुम्हारा प्यार था या अधिकार का गुमान था ।
बीच राह में छोड़ दी थी मेरी कलाई तुमने,
ताजिंदगी तुम्हारे साथ चलने में मेरा अभिमान था ।
सपने मेरे भी टूटे चीखें मेरी भी गूंजी,
चीखों के शोर में कहाँ कुछ सुनने का ध्यान था ।
खुशी के आंसू छलके हैं तुम्हें खुश देखकर,
सदा खुश रहो बस इतना सा ही तो अरमान था ।

अन्य डायरी की किताबें

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

वाह वाह बहुत सुंदर लिखा हैं आपने सर👌🏻👌🏻👌🏻👏🏻👏🏻👏🏻 बहुत बहुत बधाई हो आपको , आप 23 अक्टूबर के विजेता रहें ।

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद आपका 🙏🙏

Shraddha 'meera'

Shraddha 'meera'

Bahut emtional ho gye hum sir acchi kavita hai 👏😊😊

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

Aapka bahut bahut dhanyawad. Aapka kavita ko padhkar emotional hona hamari kavita ke liye samman pradarshit karta hai.

Reena Singh

Reena Singh

बहुत सुंदर रचना

24 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत आभार आपका 🙏

Pragya pandey

Pragya pandey

वाह वाह बहुत सुंदर 🙏 आपने देखा आप दैनिक प्रतियोगिता जीते है 23 अक्टूबर का 😀

24 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

24 अक्टूबर 2021

जी और आपने बधाई भी दी है। आपका तहेदिल से शुक्रिया। बिंदु जैसी कोई और कहानी कब लिखना शुरू करेंगे आप। मुझे इंतज़ार है।

Pragya pandey

Pragya pandey

24 अक्टूबर 2021

Exam है दिसंबर में उसके बाद ही😊

Pragya pandey

Pragya pandey

24 अक्टूबर 2021

फिलहाल आप मेरी कविता ही पढ़िए 😀

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

जी जरूर।

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

वाह! बहुत खूबसूरत रचना है

24 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

24 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏

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रचनाएँ
मेरी डायरी
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मेरे आस-पास होने वाली घटनाओं और मेरे दिल की बातें ही मेरी डायरी है।
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आगाज़

11 सितम्बर 2021
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<div>डायरी के रथ पर सवार होकर हाथों में कलम की कमान साधे दिल के विचारों और ख्यालातों के तीरों का संध

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बेकरारी मेरी

4 अक्टूबर 2021
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कभी अदायें, कभी जफायें, कभी सुरूर, कभी गुरूर,<div>कभी इकरार, कभी इनकार, कभी बेरुखी, कभी प्यार,</div>

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लम्हा-लम्हा

4 अक्टूबर 2021
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अपने बेजान जज़्बातों में तेरा अहसास खोजते हैं,<div>हम तेरे साथ गुजारा वक्त लम्हा लम्हा समेटते हैं।</

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रिश्ते

17 अक्टूबर 2021
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चेन खींचकर उतरोगे तो बेजान रिश्तों के जंगल में खुद को अकेला पाओगे,<div>जिंदगी को चलने दोगे पटरी पर त

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ईद मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद

19 अक्टूबर 2021
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<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/61334662c

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बेकसूर

22 अक्टूबर 2021
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<b>कैसे सजा देगा ऐ काजी मुझको </b><div><b> उनसे मेरे इश्क के इजहार का, </b></div><di

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रुके रहेंगे तेरे लिए

23 अक्टूबर 2021
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तुझसे मिलने की आस में <div>तेरे दीदार की प्यास में </div><div>अपने प्यार के अहसास में&nbs

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तुम ही तो हो

24 अक्टूबर 2021
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<b>सम्हाला था जीवन की ठोकरो पर कभी तुमने हमें,</b><div><b>वो मेरा विश्वास था या तुम्हारा एहसान था ।<

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मैंने कब कहा

25 अक्टूबर 2021
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<b>मैंने कब कहा तुमसे :</b><div><b>कि तुम मुझे याद करो लेकिन </b></div><div><b>ये भी तो नहीं कह

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मेरा घर कहीं गुम हो गया

20 नवम्बर 2021
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कल तक तो मेरे अपनों से रोशन था, <div>मेरा अपना था, मेरा ग़ुरूर था,</div><div>मेरे सपनों का गुलद

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साड़ी सिर्फ परिधान नहीं

20 नवम्बर 2021
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साड़ी सिर्फ एक परिधान नहीं बल्कि इसमें एक संपूर्ण स्त्री का व्यक्तित्व है। <div><span style="fo

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मुहब्बत की तपिश

3 जनवरी 2022
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तुम्हारे गर्म हाथों जैसे अल्फाज़,सहलाते हैं जब भी मेरेसर्द गालों जैसे अहसासों को,तब तब महसूस होता है मुझेतेरी मुहब्बत की तपिश का।

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आज मकर संक्रांति का पंचांग राशिफल सहित

14 जनवरी 2022
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🙏🏻🙏🏻 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 ⛅ *दिनांक - 14 जनवरी 2022* ⛅ *दिन - शुक्रवार* ⛅ *विक्रम संवत - 2078* ⛅ *शक संवत -1943* ⛅ *अयन - उत्तरायण* ⛅ *ऋतु - शिशिर* ⛅ *मास - पौस* ⛅ *पक्ष -

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जज़्बात

23 जनवरी 2022
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📒भूलकर तेरी बेवफाई हम आज भी, तुझसे उम्मीद-ऐ-वफा करते हैं ।📒हमसे पहचानने में भूल हुईतुम्हारी बेबसी को और हम समझते रहे उसे बेरुखी तुम्हारी। हमसे पहचानने में भूल हुईतुम्हारे इकरार

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