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मैंने कब कहा

25 अक्टूबर 2021

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मैंने कब कहा तुमसे :
कि तुम मुझे याद करो लेकिन 
ये भी तो नहीं कहा कि 
मैं भी तुम्हें याद नहीं करूँगा 
कि तुम इंतजार करो मेरा लेकिन 
ये भी तो नहीं कहा कि 
मैं भी तुम्हारा इंतजार नहीं करूँगा
कि तुमने बेवफाई की मुझसे लेकिन
ये भी तो नहीं कहा कि 
मैं भी तुमसे उम्मीद-ए-वफा नहीं करूँगा
कि तुम प्यार करो मुझसे लेकिन 
ये भी तो नहीं कहा कि 
मैं भी तुमसे बेइंतहा प्यार नहीं करूँगा

अन्य डायरी की किताबें

Artee

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बढ़िया

26 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

26 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏🙏

Shailesh singh

Shailesh singh

बहुत ही बेहतरीन रचना

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

26 अक्टूबर 2021

तहेदिल से आपका आभार शैलेश जी 🙏🙏

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

वाउ👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत शुक्रिया आपका

Pragya pandey

Pragya pandey

क्या बात है 👌👌 बहुत सुंदर भाव है कविता के 👌👌

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत आभार आपका और आपको हार्दिक बधाई

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut khub sir👌👌👌

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

तहेदिल से शुक्रिया आपका 🙏

आशा झा सखी

आशा झा सखी

बहुत सुंदर

25 अक्टूबर 2021

शिव खरे "रवि"

शिव खरे "रवि"

25 अक्टूबर 2021

बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏🙏

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रचनाएँ
मेरी डायरी
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मेरे आस-पास होने वाली घटनाओं और मेरे दिल की बातें ही मेरी डायरी है।
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आगाज़

11 सितम्बर 2021
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<div>डायरी के रथ पर सवार होकर हाथों में कलम की कमान साधे दिल के विचारों और ख्यालातों के तीरों का संध

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ईद मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद

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24 अक्टूबर 2021
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कल तक तो मेरे अपनों से रोशन था, <div>मेरा अपना था, मेरा ग़ुरूर था,</div><div>मेरे सपनों का गुलद

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आज मकर संक्रांति का पंचांग राशिफल सहित

14 जनवरी 2022
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🙏🏻🙏🏻 🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞 ⛅ *दिनांक - 14 जनवरी 2022* ⛅ *दिन - शुक्रवार* ⛅ *विक्रम संवत - 2078* ⛅ *शक संवत -1943* ⛅ *अयन - उत्तरायण* ⛅ *ऋतु - शिशिर* ⛅ *मास - पौस* ⛅ *पक्ष -

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जज़्बात

23 जनवरी 2022
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📒भूलकर तेरी बेवफाई हम आज भी, तुझसे उम्मीद-ऐ-वफा करते हैं ।📒हमसे पहचानने में भूल हुईतुम्हारी बेबसी को और हम समझते रहे उसे बेरुखी तुम्हारी। हमसे पहचानने में भूल हुईतुम्हारे इकरार

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