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एक सन्देश

28 मई 2015

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गाँव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था।एक दिन बीवी ने उसे मक्खन तैयार करके दिया वो उसे बेचने के लिए अपने गाँव से शहर की तरफ रवाना हुवा।वो मक्खन गोल पेढ़ो की शकल मे बना हुवा था और हर पेढ़े का वज़न एक kg था।शहर मे किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह एक दुकानदार को बेच दिया,और दुकानदार से चायपत्ती,चीनी,तेल और साबुन व गैरह खरीदकर वापस अपने गाँव को रवाना हो गया.किसान के जाने के बाद ......दुकानदार ने मक्खन को फ्रिज़र मे रखना शुरू किया.....उसे खयाल आया के क्यूँ ना एक पेढ़े का वज़न किया जाए, वज़न करने पर पेढ़ा सिर्फ 900 gm. का निकला, हैरत और निराशा से उसने सारे पेढ़े तोल डाले मगर किसान के लाए हुए सभी पेढ़े 900-900 gm.के ही निकले।अगले हफ्ते फिर किसान हमेशा की तरह मक्खन लेकर जैसे ही दुकानदार की दहलीज़ पर चढ़ा, दुकानदार ने किसान से चिल्लाते हुए कहा, के वो दफा हो जाए, किसी बे-ईमान और धोखेबाज़ शखस से कारोबार करना उसे गवारा नही।900 gm.मक्खन को पूरा एक kg.कहकर बेचने वाले शख्स की वो शक्ल भी देखना गवारा नही करता.किसान ने बड़ी ही आजिज़ी (विनम्रता) से दुकानदार से कहा "मेरे भाई मुझसे बद-ज़न ना हो हम तो गरीब और बेचारे लोग है, हमारी माल तोलने के लिए बाट (वज़न) खरीदने की हैसियत कहाँ" आपसे जो एक किलो चीनी लेकर जाता हूँ उसी को तराज़ू के एक पलड़े मे रखकर दूसरे पलड़े मे उतने ही वज़न का मक्खन तोलकर ले आता हूँ।इस कहानी को पढ़ने के बाद आप क्या महसूस करते हैं, किसी पर उंगली उठाने से पहले क्या हमें अपने गिरहबान मे झांक कर देखने की ज़रूरत नही......? कहीं ये खराबी हमारे अंदर ही तो मौजूद नही.....?क्योंकि अपने अंदर झांकना मुश्किल तरीन काम है.....!!

रवि शंकर बाजपेयी की अन्य किताबें

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सबक सिखाने का अच्छा तरीका।

28 मई 2015

शब्दनगरी संगठन

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28 मई 2015

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26 जनवरी 2015
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ईश्वर का दूसरा रूप माँ है

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21 मई 2015
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हे भगवान्, मेरे तीन अपराधो को माफ़ करो यह जानते हुए भी कि..1.तुम सर्वव्यापी हो, मैँ तुम्हेँ काशी, मथुरा, अयोध्या, केदार आदि मेँ खोजता हूँ, यह मेरा पहला अपराध है !2.तुम शब्दोँ से परे हो, मैँ तुमको शब्दोँ से बाँधता हूँ, एक नाम देता हूँ, यह मेरा दूसरा अपराध है !3.तुम सर्वज्ञाता हो, मैँ तुम्हेँ अपनी इच्छ

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जहर क्या है ?

22 मई 2015
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किसी ने भगवान को पुछा ” जहर क्या होता है ? ” भगवान ने बहुत सुन्दर जबाब दिया, ” हर वो चीज जो जिन्दगी मे आवश्यकता से अत्यधिक होती है, वही जहर होती है !

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समझदारी

28 मई 2015
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""छह गुलाबों का तोहफा""पत्नी ने अपने पति से आग्रह किया किवह उसकी छह कमियाँ बताए जिन्हें सुधारने से वह बेहतर पत्नी बन जाए. पति यह सुनकर हैरान रह गया और असमंजस की स्थिति में पड़ गया.उसने सोचा कि मैं बड़ी आसानी से उसे ६ ऐसी बातों की सूची थमा सकता हूँ , जिनमें सुधार की जरूरत थी और ईश्वर जानता है कि वह ऐ

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एक सन्देश

28 मई 2015
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संगति का असर

2 जून 2015
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एक बार आइंस्टीन Relativity नामक Physics के टॉपिक पर रिसर्च कर रहे थे और इसी के चक्कर में वो बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में जाते थे और लोगों को लेक्चर देते थे । उनका ड्राइवर उनको बहुत बारीकी से देखा करता था ।एक दिन एक यूनिवर्सिटी में सेमिनार ख़त्म करके आइंस्टीन घर लौट रहे थे , अचानक उनके ड्राइवर ने

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लोभ से अँधा

2 जून 2015
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किसी नगर में एक दृष्टिहीन बाबा रहता था। उसकी आवाज बेहद सुरीली थी। एक बार एक अमीर ने उसके गायन से खुश होकर उसे कुछ गिन्नियां उपहार में दी। बाबा ने गिन्नियों की पोटली को अपनी कमर से बांध लिया। ठगों को जब उस बाबा के पास गिन्नियां होने के बारे में पता चला तो वे उसके पास पहुंचे और बोले - ' हमारे धन्य भाग

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आज का ज्ञान

2 जून 2015
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