हे भगवान्, मेरे तीन अपराधो को माफ़ करो यह जानते हुए भी कि..1.तुम सर्वव्यापी हो, मैँ तुम्हेँ काशी, मथुरा, अयोध्या, केदार आदि मेँ खोजता हूँ, यह मेरा पहला अपराध है !2.तुम शब्दोँ से परे हो, मैँ तुमको शब्दोँ से बाँधता हूँ, एक नाम देता हूँ, यह मेरा दूसरा अपराध है !3.तुम सर्वज्ञाता हो, मैँ तुम्हेँ अपनी इच्छाएँ बताता हूँ, उन्हेँ पूरा करने को कहता हूँ, यह मेरा तीसरा अपराध है ! अपनी रहमत करके मुझे इनसे उभरने में मदद करें !!