शुरू से ही साहित्य पढ़ने लिखने के शौक ने मुझे विभिन्न पत्र पत्रिकाओं से जोड़ा,मन मे विचार ज्यादा घुमड़ते हैं तो कविता कहानी बन निकल पड़ते हैं जिससे मिली आत्म संतुष्टि अनिर्वचनीय है।
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मनु जैसे ही स्कूल से लौटकर घर में दौड़ता हुआ आया,घर में बड़ी रौनक और गहमागहमी सी थी।तेज गाने म्यूजिक प्लेयर पर बज रहे थे,काफी लोगों की हँसने बोलने की आवाजें आ रही थीं।कितनी सारी लेडीज कमरे में मौजूद थीं