हम पोस्ट ग्रेजुएट गणित विषय से कर रहा हूं और हमको कविता कहानी लिखना , पढ़ना , बोलना , सुनना पसंद है |
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कई सफर में छूटे कई शहर में छूटे चल चला जब तक न रब रूठे तब तक चल जब तक आखिरी सांस न छूटे जरा सी रुख से जरा जरा सी बात पर मसरूफ से महरूफ हो जाते है महफिल की गलियां वीरान कर जाते है कविता में