शिल्पा सोनटक्के
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साहित्य प्रेमी, १० भारतीय भाषायें बोलने का ज्ञान, ५ काव्य संग्रह [उर्दू -हिंदी मिश्रित] प्रकाशित, अपनी अलग संकल्पना के अनुरूप समाज सेवा ,प्रभु कृपा से कैंसर जैसी बीमारी से बहार निकालकर सामान्य जीवन यापन ,घर पर रहते हुए कला की नयी विधा ''सजावट कला'' पर काम कर रही हूँ [हर तरह के चित्रों पर अतिरिक्त सजावट द्वारा उनकी खूबसूरती को बढ़ाना ] एवं उनको प्रदर्शित करने का प्रयास ,परन्तु सिमित आर्थिक स्त्रोतों की वजह से सम्पूर्ण सफलता नहीं ,उचित सहयोग एवं प्लेटफार्म की प्रतिक्षा ,हिंदी विषय से ,एम.a. किया तथा २७ वर्ष हिंदी की सेवा की ,स्वaस्थ के कारन स्वेछा निवृत्ति लेनी पड़ी , नृत्य,संगीत मैं रूचि ,साहित्यिक कार्यक्रमों का सञ्चालन,बैंक की क्षेत्रीय पत्रिका का संपादन ,शौकिया फूल सजावट ,एवं ज्वैलरी डिजाइनिंग का शौक , येही मेरा परिचय है....