माँ
काश आप रहते तो समझ पाते,मेरा मन के दर्द को देख पाते!वो अकेलेपन का एहसास को देख पाते!काश आप रहते तो समझ पाते!!!वो दिन भी क्या दिन थे जब आप मेरे साथ थी, आज वो दिन भी क्या दिन हैं जिसमे आपका साथ ही नहीं! आज कल सोते सोते नींद खुल जाती हैं अक्सर आपकी याद मे,काश आप होते तो देख पाते!रिश्तो मे समझदारी बहुत