इंटरनेट जितना हमारे समाज के लिए अच्छा है , उतना ही बुरा असर डाल रहा है,,। माता पिता बच्चों से दूर होते जा रहे हैं और बच्चे माता पिता से,, सोशल मीडिया का लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है, जिसके चलते माता - पिता और संतान के बीच काफी मतभेद हो जाते हैं।
इंटरनेट और इसके सक्रिय प्रभाव -
4G स्पीड जब से लॉन्च हुआ है, तब से वाकई काफी सुविधाजनक कार्य हो गए हैं, लंबी लाइन में लग कर बिजली का बिल नही जमा करना पड़ता , घर बैठे कुछ भी ऑर्डर करके मंगाया जा सकता है फिर चाहे वो कॉस्मेटिक का कोई सामान हो या खाने पीने की कोई वस्तु, सब कुछ ऑनलाइन मंगाया जा सकता है,
ऑनलाइन बैंकिंग का सिस्टम तो बहुत ही अच्छा है पहले काफी परेशानियां होती थी, कही भी रुपए ट्रांसफर करने के लिए बैंक में घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता था, तब कही पैसे ट्रांसफर होते थे, अब किसी को ज़रूरत हो तो तत्काल मोबाइल से रुपए ट्रांसफर किए जा सकते है ऑनलाइन बैंकिंग से ये सब संभव है, और सबसे विचारणीय विषय ये है कि कोरोना काल में पढ़ाई का सबसे अच्छा जरिया रहा है इंटरनेट, सोचकर ही भय की अनुभूति होती है कि यदि कोरोना नामक महामारी आज के समय में न फैलकर,
अगर उस समय फैली होती जब, इंटरनेट और मोबाइल नही था तब पढ़ाई किस प्रकार हो पाती यही सोचकर लगता है इंटरनेट बहुत उपयोगी है ।
इंटरनेट और इसके दुष्प्रभाव -
इंटरनेट जितना सुविधाजनक है , ठीक इसके विपरीत इसके घातक परिणाम भी सामने आते हैं ,
सोशल मीडिया से कई बार युवा भ्रमित होकर अनुचित मार्ग का अनुसरण करते है , कई बार प्रायः हम सुनते हैं, कि सोशल मीडिया साइट से मिलकर किया युवक और युवती ने प्रेम विवाह, पर अक्सर इस प्रकार के वैवाहिक संबंध टूट जाते है , तो कई बार मजबूत हो जाते हैं , ऐसी स्थिति में ये सोशल मीडिया युवाओं के लिए घातक सिद्ध होता है, बच्चे अपने माता पिता से दूर भागकर सीधा मोबाइल में इंटरनेट के जरिए सोशल साइट्स पर जाकर उसमें उलझ जाते हैं नए नए गेम्स , इंस्टाग्राम , फेसबुक , ट्विटर पर अपना ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं , कई बार किशोरावस्था में या युवावस्था में डार्क वेब में फंस कर अपनी जान तक दे देते हैं , इंटरनेट पर कई साइट्स ऐसी होती हैं जो , डार्क वेब की ओर इंगित करती हैं, युवा जब डार्क वेब में फंस जाते हैं , तब मानसिक तनाव में आकर कई बार लोगो की जान भी ले लेते हैं , जो कि देश की युवा पीढ़ी के लिए बहुत निंदनीय है,
ऐसे में बच्चो को युवाओं को अपने माता पिता और अनुभवी लोगों से बात करते रहना चाहिए अपनी परेशानी को बताना चाहिए । तभी इस दलदल से बाहर निकला जा सकता है, इंटरनेट के चलते कई माता पिता भी अपने बच्चो को समय नही देते यही कारण है , कि इंटरनेट से जितनी देश तरक्की कर रहा है , उतना ही परिवार और लोगो के बीच दूरियां आ रही हैं,।
धन्यवाद राधे राधे
श्रद्धा श्रोत्रिय ' मीरा '