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सफलता के 20 मँत्र

16 मार्च 2015

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सफलता के 20 मँत्र " 

1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..! 

2. दिन मेँ कम से कम 

3 लोगो की प्रशंसा करो..!  खुद की भुल स्वीकारने मेँ कभी भी संकोच मत करो..! 

4. किसी के सपनो पर हँसो मत..! 

5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..! 

6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..! 

7. खुब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लो..!

8. किसी के पास से कुछ जानना हो तो विवेक से दो बार...पुछो..! 

9. कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दो..! 

10. ईश्वर पर पुरा भरोसा रखो..! 

11. प्रार्थना करना कभी मत भुलो,प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है..! 

12. अपने काम से मतलब रखो..! 

13. समय सबसे ज्यादा कीमती है, इसको फालतु कामो मेँ खर्च मत करो.. 

14. जो आपके पास है, उसी मेँ खुश रहना सिखो..! 

15. बुराई कभी भी किसी कि भी मत करो, क्योकिँ बुराई नाव मेँ छेद समान है,बुराई छोटी हो बडी नाव तो डुबो ही देती है..! 

16. हमेशा सकारात्मक सोच रखो..! 

17. हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता है बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाओ..! 

18. कोई काम छोटा नही होता हर काम बडा होता है जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर वह काम आप नही करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता..? 

19. सफलता उनको ही मिलती है जो कुछ करते है 

20. कुछ पाने के लिए कुछ खोना नही बल्कि कुछ करना पडता है 


Maine aapko MANTAR dia Aap bhi kisi ko do Kyoki GYAN baatne se GYAN badhta hai

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खुश रह कर जीयो तौ मजा ही कुछ और है ।

10 मार्च 2015
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सफलता के 20 मँत्र

16 मार्च 2015
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सफलता के 20 मँत्र " 1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..! 2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंसा करो..!  खुद की भुल स्वीकारने मेँ कभी भी संकोच मत करो..! 4. किसी के सपनो पर हँसो मत..! 5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..! 6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..! 7. ख

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मान लेना वसंत आ गया बागो में जब बहार आने लगे कोयल अपना गीत सुनाने लगे कलियों में निखार छाने लगे भँवरे जब उन पर मंडराने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !! खेतो में फसल पकने लगे खेत खलिहान लहलाने लगे डाली पे फूल मुस्काने लगे चारो और खुशबु फैलाने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !! आमो पे बौर जब आने लगे पुष्प मधु से भर जाने लगे भीनी भीनी सुगंध आने लगे तितलियाँ उनपे मंडराने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !! सरसो पे पीले पुष्प दिखने लगे वृक्षों में नई कोंपले खिलने लगे प्रकृति सौंदर्य छटा बिखरने लगे वायु भी सुहानी जब बहने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !! धूप जब मीठी लगने लगे सर्दी कुछ कम लगने लगे मौसम में बहार आने लगे ऋतु दिल को लुभाने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !! चाँद भी जब खिड़की से झाकने लगे चुनरी सितारों की झिलमिलाने लगे योवन जब फाग गीत गुनगुनाने लगे चेहरों पर रंग अबीर गुलाल छाने लगे मान लेना वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!

17 मार्च 2015
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वसंत आ गया… रंग बसंती छा गया !!

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जिस दिन ये तीन लोग मिल जाएगे उस दिन मेरे भारत मेँ रेप होना बंद हो जाएंगे

18 मार्च 2015
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एक लङकी थी रात को आँफिस से वापस लोट रही थी तो देर भी हो गई थी... पहली बार ऐसा हुआ ओर काम भी ज्यादा था तो टाइम का पता ही नही चला वो सीधे auto stand पहुँची.  वहाँ एक लङका खङा था वो लङकी उसे देखकर डर गई की कही उल्टा सीधा ना हो जाए तभी वो लङका पास आया ओर कहा बहन तू मौका नही जिम्मेदारी हे मेरी ओर जब तक त

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दिल में हर किसी का अरमान नहीं होता ,हर कोई दिल का मेहमान नहीं होता ,एक बार जिसकी आरजू दिल में बस जाती है ,उसे भुला देना इतना आसन नहीं होता !

19 मार्च 2015
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