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स्त्री का साक्षर होना उतना ही आवश्यक है जितना की एक पुरुष का

6 मार्च 2024

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स्त्री का साक्षर होना उतना ही आवश्यक जितना की एक पुरुष का लेकिन विडंबना यह है की आज भी इस बात को स्वीकार करने मे कितने ही लोग सक्षम हैं। एक कन्या के जन्म लेने के साथ ही उससे यह अपेक्षा की जाने लगती है। की वो अपने छोटे भाई बहनों की देख रेख करे। उसका बचपन उसके माता-पिता के द्वारा ही छीन लिया जाता है। उसके साथ इतना करने से भी अगर बात बनती तो भी सहन कर ली जाती। परंतु ना ही उसको पढ़ने के लिए विद्यालय भेजा जाता है।और ना ही उसके साथ हुए इस अन्याय का किसी को भी अफसोस होता है।             

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स्त्री का साक्षर होना उतना ही आवश्यक जितना की एक पुरुष का लेकिन विडंबना यह है की आज भी इस बात को स्वीकार करने मे कितने ही लोग सक्षम हैं। एक कन्या के जन्म लेने के साथ ही उससे यह अपेक्षा की जाने लगती है

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