आज मैं अगर बात करूं, जब एक कन्या संतान माँ के गर्भ मे होती है। तभी से उस संतान को अपने जीवन को बचाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। क्योंकि कोई भी समाज का व्यक्ति कभी भी गर्भवती महिला जोकि गर्भ से होती है, उसको आशीष देते हुए यही कहते हैं की उसके गर्भ से पुत्र रत्न की प्राप्ति हो। मैं यह जानना चाहती हूँ क्या कन्या संतान के लिए कोई है जो आशीष में कहे की ईश्वर करें आपको लक्ष्मी रूप में कन्या संतान की प्राप्ति हो। कैसी ही विडंबना है हमारे इस समाज की स्वयं स्त्री को ही स्त्री से जुदा होते हुए देखा जाता है।