आडंबर में जीते हम
हर रोज़ एक नै बात सामने आती है. जनता को मुर्ख बनाकर फिर उसी तरह जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है जसी तरह हज़ारों साल पहले किया जाताथा हमने इतनी िशिक्षा पराप्त कर ली फिर भी यदि हम आज भी आडम्बर झूट के प्रचार पर जी कर उसे सत्य मन रहे हैं तो हम में और उन जाहिलो में फरक ही किया है