वैज्ञानिकों ने सूर्य में एक छेद देखा है। यह छिद्र 60 पृथ्वियों के आकार का है, यह पृथ्वी की सतह पर खुला होता है और इसे कोरोनल छिद्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसे पहली बार 2 दिसंबर को देखा गय
सूर्य का मकर राशि में संक्रमण 2023 माघ कृष्ण अष्टमी यानी शनिवार चौदह जनवरी को रात्रि आठ बजकर पैंतालीस मिनट के लगभग भगवान भास्कर सिंह लग्न में गुरुदेव की धनु राशि से निकल कर महाराज शनि की मकर राशि म
सूर्य का तुलामें गोचरशनिवार 17 अक्तूबर आश्विनशुक्ल प्रतिपदा को प्रातः सात बजकर छह मिनट के लगभग किन्स्तुघ्न करण और विषकुम्भयोग में सूर्यदेव कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | तुलाराशि आत्मकारक सूर्य की नीच राशि भी होती है | भगवान भास्कर इस समय चित्रा नक्षत्रपर होंगे | साथ ही चन्
सूर्य ग्रहणरविवार आषाढ़कृष्ण अमावस्या को प्रातः दस बजकर बीस मिनट के लगभग सूर्य ग्रहण का आरम्भ होगा जो भारतके कुछ भागों में कंकणाकृति अर्थात वलयाकार दिखाई देगा तथा कुछ भागों में आंशिकरूप से दिखाई देगा और दिन में 1:49 के लगभग समाप्त हो जाएगा | बारह बजकर दो मिनट केलगभग ग्रहण का मध्यकाल होगा | ग्रहण की क
शनिवार 14 मार्च2020 को दिन में 11:54 के लगभग पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए ही भगवान् भास्कर अपने शत्रु ग्रह शनि की राशि कुम्भसे निकल कर मित्र ग्रह गुरु की मीन राशि में भ्रमण करने के लिए प्रस्थान करेंगे जहाँशनि की तीसरी दृष्टि भी सूर्य पर रहेगी | सूर्य के मीन राशि में प्रस्थान के समय चैत्रक
सूर्य का तुला में गोचरआज रात 25:03(अर्द्धरात्र्योत्तर एक बजकर तीन मिनट) के लगभग बालव करण औरव्यातिपत योग में सूर्यदेव कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रविष्ट होजाएँगे | तुला राशि आत्मकारक सूर्य की नीच राशि भी होती है | सूर्य के इस प्रस्थानके समय आश्विन कृष्ण चतुर्थी तिथि होगी तथा सूर्य चित्रा नक
सूर्य का कन्या में गोचरकल यानी 17 सितम्बर, आश्विन कृष्ण तृतीया को दोपहर एक बजकर तीनमिनट के लगभग विष्टि करण और ध्रुव योग में सूर्यदेव अपनीस्वयं की राशि सिंह से निकल कर कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | अपने इस गोचरके समय सूर्य उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर होंगे,जहाँ से 27 सितम्बर को हस्त नक्षत्र और ग्
सूर्य का सिंह में गोचरकल भाद्रपद कृष्ण द्वितीया यानी 17 अगस्तको दिन में एक बजकर तीन मिनट के लगभग गर करण और अतिगण्ड योग में सूर्यदेव अपनेमित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह और मघा नक्षत्रमें प्रस्थान कर जाएँगे | यहाँ भ्रमण करते हुए 31 अगस्त को पूर्वा फाल्गुनीनक्षत्र और च
सूर्य का कर्क में गोचर - कर्क संक्रान्ति आज गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व है, सर्वप्रथम गुरुजनों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए सभी को गुरु पूर्णिमाकी हार्दिक शुभकामनाएँ…आज खण्डग्रासचन्द्रग्रहण भी है | जैसा कि हम अपने पूर्व के लेखों में भी लिखते आए हैं कि सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण बहुत ही आकर्षक खगोलीय
सूर्यका वृषभ में गोचर 2019कल, यानी बुधवार 15 मई 2019 को प्रातःग्यारह बजकर एक मिनट के लगभग आत्मा के कारक भगवान भास्कर ने अपने मित्र मंगल कीराशि मेष से निकल कर अपने शत्रु ग्रह शुक्र की राशि वृषभ में प्रस्थान करेंगे | यद्यपि कल सूर्योदय के समय वैशाख शुक्ल एकादशी है,किन्तु सूर्य के वृषभ राशि में प्रस्था
सूर्य कामेष राशि में गोचर 2019सूर्य के मेष राशि में संचार अर्थात मेष संक्रान्ति केविषय में चर्चा आरम्भ करने से पूर्व - कल बैसाखी काउल्लासमय पर्व है, जिसके लिए सभी को हार्दिकशुभकामनाएँ...कल, रविवार 14 अप्रेल को अपराह्न दो बजकरनौ मिनट पर भगवान् भास्कर अपने एक मित्र गुरु की राशि मीन से निकल कर दूसरे मि
हश्र✒️ओस के नन्हें कणों ने व्यंग्य साधा पत्तियों पर,हम जगत को चुटकियों में गर्द बनकर जीत लेंगे;तुम सँभालो कीच में रोपे हुवे जड़ के किनारे,हम युगों तक धुंध बनकर अंधता की भीख देंगे।रात भर छाये रहे मद में भरे जल बिंदु सारे,गर्व करते रात बीती आँख में उन्माद प्यारे।और रजनी को सुहाती थी नहीं कोई कहानी,ज्ञा
कल यानी शुक्रवार 15 मार्च2019 को सूर्योदय से पूर्व पाँच बजकर चालीस मिनट के लगभग पूर्वा भाद्रपद नक्षत्रपर भ्रमण करते हुए ही भगवान् भास्कर अपने शत्रु ग्रह शनि की राशि मीन से निकल करमित्र ग्रह गुरु की राशि में भ्रमण करने के लिए प्रस्थान करेंगे, जहाँ एक माह तकविचरण करने के पश्चात रविवार 14 अप्रेल को दोप
सूर्य का कुम्भ राशि में संक्रमणबुधवार 13 फरवरी माघशुक्ल अष्टमी को प्रातः आठ बजकर 49 मिनट के लगभग बव करण और ब्रह्म योग में सूर्यदेवमकर राशि में अपना भ्रमण पूर्ण करके कुम्भ राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | जहाँ वेशुक्रवार 15 मार्च को प्रातः 5:40 तक विचरण करने के बाद मीन राशि में प्रस्थान करजाएँगे | अपनी
सूर्य का मकर राशि में संक्रमण 2019पौष शुक्लअष्टमी,सोमवार 14 जनवरी 2019 को सायं सात बजकर बावन मिनट के लगभग उत्तराषाढ़ नक्षत्र मेंरहते हुए राहू केतु के मध्य बव करण और सिद्ध योग में भगवान भास्कर मित्र ग्रह गुरुकी धनु राशि से निकलकर शत्रु गृह शनि की मकर राशि में संचार करेंगे | जिसे “मकर संक्रान्ति” के ना
सूर्य का धनु में गोचररविवार,16 दिसम्बर, मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी को प्रातः नौ बजकर दसमिनट के लगभग भगवान भास्कर बालव करण और व्यातिपत योग में अपने मित्र ग्रह मंगल कीवृश्चिक राशि से निकल कर दूसरे मित्र गृह गुरु की धनु राशि और मूल नक्षत्र मेंप्रविष्ट हो जाएँगे जहाँ शनिदेव पहले से ही विराजमान हैं | यहाँ लगभ
सूर्य का वृश्चिक में गोचरआज कार्तिक शुक्ल नवमी को 18:32 केलगभग भगवान भास्कर विशाखा नक्षत्र पर रहते हुए ही बालव करण और व्याघात योग में तुलाराशि से निकल कर अपने मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रस्थान करेंगे, जहाँपहले से भ्रमण कर रहे उनके मित्र देवगुरु बृहस्पति उनका स्वागत करेंगे | साथ ही इसपूरी
सूर्य का सिंह में गोचरकल श्रावण शुक्ल सप्तमी यानी 17 अगस्तको 06:50 के लगभग सूर्यदेव अपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनीस्वयं की राशि सिंह और मघा नक्षत्र में प्रस्थान कर जाएँगे, जहाँ तीन सितम्बर को बुध का प्रस्थान भी हो जाएगा |सिंह सूर्य की मूल त्रिकोण राशि भी