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मेरी तुम्हारी बातें

मेरी तुम्हारी बातें

सुबह की पहली झंकार हो तुम वो बारिश की सुहानी शाम हो तुम मेरी उलझनों भारी ज़िन्दगी में किसी सुलझे धागे समान हो तुम... अश्क भले हो नैन में पर मेरे चेहरे की मुस्कान हो तुम यूं तो चल देती मैं कब के यहां से पर मेरे रुकने का एक ठहराव हो तुम मेरी इस खाली-सु

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मेरी तुम्हारी बातें

मेरी तुम्हारी बातें

सुबह की पहली झंकार हो तुम वो बारिश की सुहानी शाम हो तुम मेरी उलझनों भारी ज़िन्दगी में किसी सुलझे धागे समान हो तुम... अश्क भले हो नैन में पर मेरे चेहरे की मुस्कान हो तुम यूं तो चल देती मैं कब के यहां से पर मेरे रुकने का एक ठहराव हो तुम मेरी इस खाली-सु

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