गुरू ब्रम्हा, गुरु विष्णु, गुरु देव महेश्वर
अर्थात शिक्षक ब्रम्हा जी की तरह ज्ञान का अथाह भंडार हैं जो ज्ञान का सृजन भी करते हैं,
तो शिक्षक विष्णु जी की तरह पालन करता भी हैं और प्रेम के अनुयायी भी , विष्णु जी के हर अवतार को चरितार्थ भी करते हैं ।
पर इन सबके बावजूद शिक्षक स्वंय शिव जी की तरह भोले भी हैं और भयंकर विनाशक भी,
आवश्यकता पड़ने पर कठोरता सहज भाव की तरह प्रकाशित होता है, अर्थात एक सीमा का उल्लंघन करने से रोकने के लिए शिव जी की तरह ताण्डव भी कर सकते हैं ।
इसलिए गुरु का स्थान सबसे ऊंचा रखा गया है
सादर नमन है सभी गुरुओं को 😊