अश्क तो हैं तेरी यादों के, मेरे लिए काफ़ी हैं !
कुछ गुज़रे दिन इनके सहारे, गुजर जाएँगे जो बाकी हैं !!
तेरी तस्वीर थी जो आँखों में, इसमे अब पानी का रंग शामिल है !
ये धुंधली सी हो गयी है, बस अब थोडा सा रंग बाकी है !!
मुझ पे पहले भी होता था, कुछ कुछ तेरा असर !
देख तेरी आँखों की चमक, मेरी आँखों मे अभी तक बाकी है !!
रंग का क्या है चढ़ता है, हर चीज़ पे बेपरवाही से !
देख मेरे चेहरे को, तेरा रंग अभी तक बाकी है !!
सोचता हूँ तू पूछेगा, हाल जब आकर मेरा !
तब खुद ही देख लेना, तेरे बिना क्या बाकी है !!
गम नहीं इस इंतेज़ार में, बीत जाए चाहे सदिया !
एक सांस अभी अटकी है, एक सांस अभी बाकी है !!
आर्शो फर्श ना समझता था, ना समझूंगा ए मौला !
मेरे लिए जो भला है, तेरा शुक्र मेरे साकी है !!