परिन्दा यहाँ ना कोई शज़र दिखाई देता है
बेजान-सा मुझको ये शहर दिखाई देता है
हिफाजत के लिऐ है या कत्ल के लिये पता नहीँ
हर किसी के हाथ मेँ यहाँ खंज़र दिखाई देता है
लोग छुपे हैँ डर से यहाँ या यह एक साजिश है
हर तरफ विरान सा यहाँ मंजर दिखाई देता है
ये इशारा है आँधि आने का या जाने का पता नहीँ
दुर वहाँ एक बवंडर दिखाई देता है
गौर से देखो दोस्तों यहाँ हर एक चेहरे पर नकाब है
असली चेहरा तो बस नकाब के अंदर दिखाई देता है.....