उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों बाद आखिरकार सकुशल निकाल लिया गया है। संसार के दुष्कर रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल यह मिशन विज्ञान, विश्वास, प्रार्थना, सरकार की इच्छा शक्ति के
दुआ करें हम ईश्वर से , सुरंग में फंसे लोगों की । रहे सुरक्षित अंदर सुरंग में, हमदर्दी है मेरे दिल की।पहले जान बचाओ उनकी , जो मौत से लड़ रहे सुरंग में।सांत्वना दो उन परिवारों को , जो अनचाहे फंस गए
पीएम मोदी ने मंगलवार को फोन पर उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से सुरक्षित निकाले गए मजदूरों से घंटो बातचीत की और कुशलक्षेम जाना। बातचीत के दौरान पीएम मोदी और मजदूरों को सबसे पहले बधाई दी कि 17 दिनों के
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले एक्सपर्ट्स में एक हैं। वो भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढां
सागर के सीने से निकले थे, काल सरीखे नाग। मुम्बई में बरसाने आये थे, जो जहरीली आग ।। रण रिपु छेड़ रहा था लेकिन, हम थे इससे अन्जान। छब्बिस ग्यारह दिवस ले गया, कई निर्दोषों की जान ।। तांडव कर
सुरंग में फंसी जिंदगी बचाने के लिए खोज बचाव टीम निरंतर अभियान में जुटी हुई है। श्रमिकों तक सकुशल निकालने और उनतक प्राणवायु रसद व अन्य सामग्री पहुंचाने के कई प्रयास हुए हैं। इन्हीं प्रयासों के चलते श्र
उत्तराखंड की पुरानी चोटियों में, बसी है एक कहानी, दुखद और भारी। सुरंग की अंधकार में, रात की गहराई, बसे हुए थे अनेक सपने, आसमान की ऊचाई। सैनिक थे वीर, जवानों की सेना, देश के लिए जुटे, आत्मा
उत्तराखंड सुरंग हादसा एक दुखद घटना थी, जिसमें एक सुरंग में पानी भर गया था और कई लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया था। इस हादसे के बारे में कई कविताएँ और रचनाएँ लिखी गई हैं जो इस दुखद पल को दर्शाती
उत्तराखंड सुरंग हादसे में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को 48 घंटे के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। माम
उत्तरकाशी टनल हादसे को 9 दिन का समय पूरा हो गया है और अभी तक 41 मजदूरों को रेस्क्यू टीम निकालने में असफल रही है। हालांकि, प्रयास लगातार जारी है, लेकिन रेस्क्यू में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हादसे क