उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग से सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले एक्सपर्ट्स में एक हैं। वो भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञ हैं। डिक्स ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स में बैरिस्टर भी हैं। उन्हें इंजीनियरिंग भूविज्ञान और जोखिम प्रबंधन मामलों में तीन दशकों का अनुभव है।
टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स भारतीय इंजीनियर्स के साथ काम करते हुए 41 मजदूरों की बचाई जान।
आखिरकार उम्मीद और संघर्ष की जीत हुई। 17 दिनों तक उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आज सुरक्षित बाहर निकाला गया। दुनियाभर के कई एक्सपर्टस को रेस्क्यू अभियान में शामिल किया गया।
ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई। इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के ऑस्ट्रेलिया स्थित अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया गया।
वो 20 नवंबर को सुरंग स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने पिछले 17 दिनों में हमेशा सभी को पॉजीटिव रहने की सलाह दी। डिक्स दिन-रात सुरंग स्थल पर मजदूरों से संपर्क में रहे।
कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स?
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने वाले एक्सपर्ट्स में एक हैं। वो भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञ हैं।
वो न सिर्फ भूमिगत निर्माण से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं ब्लकि भूमिगत सुरंग बनाने में दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञों में से वो एक हैं।
डिक्स ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स में बैरिस्टर भी हैं।
इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, कानून और जोखिम प्रबंधन मामलों में तीन दशकों का अनुभव है।
साल 2022 में उन्हें अमेरिका के नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन द्वारा समिति सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मंगलवार को जब सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालाने की कोशिश चल रही थी, तो र्नोल्ड डिक्स सुरंग के नजदीक मौजूद भगवान बौख नाग देवता की पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
सभी 41 मजदूरों को एंबुलेंस के जरिए चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया गया।