वक़्त लगता है, रात को सुबह होने मे.
तपती धूप से साँझ होने मे,
इक कली को पुष्प होने मे,
धरती पर गिरी बूँद को फिर से रौशन होने मे,
थोड़ा वक़्त तो ज़रूर लगता है.
ज़ब अस्मा तलक हो मंजिल,
तब अंजाम तक पहुंचने मे,
वक़्त लगता है.
इक आंसू को फिर से आत्मविश्वास बनने मे
वक़्त लगता है, वक़्त लगता है
प्रतिदिन उठती आशाओ से मेहनत के रास्ते साहिल तक पहुंचने मे वक़्त लगता है,,,,,,
वक़्त लगता है.