shabd-logo

विवेक चन्द्रा के बारे में

"प्रकृति, प्रेरणा एवं किताबों के प्रेम में पड़ा हुआ एक लेखक” मेरा नाम "विवेक चन्द्रा” है। मेरा जन्म छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ शहर में हुआ है। मैं छत्तीसगढ़ पी. एस. सी. का एक प्रार्थी होने के साथ ही साथ व्यवसाय कार्य में संलग्न हूँ। मैं काव्यजगत में पहले "अल्फ़ाज़-ए-राही" एवं वर्तमान में "शून्यमय" नाम से लिखता हूँ। मैं जीवन के प्रति सकारात्मक नज़रिया रखता हूँ एवं अपनी प्रेरणात्मक रचनाओं से लोगों पे सकारात्मक प्रभाव डालना व एक नये उत्साह का संचार करना चाहता हूँ। मैं तीस (३०) से ज्यादा काव्यसंग्रह एवं पत्र-पत्रिकाओं में सहयोगी कवि और लेखक के तौर पर काम कर चुका हूँ। माँ गौरी और महादेव के आशीष से यह एकल लेखक के रूप में मेरी पहली पुस्तक है। आशा करता हूँ कि आप सबको यह (प्रेरणा) पुस्तक पसंद आएगी। प्रतिक्रिया की अपेक्षा में.. Mail Id - vivekchandra925@gmail.com

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

विवेक चन्द्रा की पुस्तकें

प्रेरणा

प्रेरणा

यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखे गए लेख,कविताओं व उद्धरणों का संग्रह है। संग्रह का मूल स्वरूप प्रेरणात्मक है इसलिए मैंने इसे "प्रेरणा" शीर्षक देना उचित समझा। मेरी लेखनी का नाम भी "प्रेरणा" ही है क्योंकि मुझे लिखने से प्रेरणा मिलती है। "आशा है कि यह (प्र

4 पाठक
92 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 46/-

प्रिंट बुक:

220/-

प्रेरणा

प्रेरणा

यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखे गए लेख,कविताओं व उद्धरणों का संग्रह है। संग्रह का मूल स्वरूप प्रेरणात्मक है इसलिए मैंने इसे "प्रेरणा" शीर्षक देना उचित समझा। मेरी लेखनी का नाम भी "प्रेरणा" ही है क्योंकि मुझे लिखने से प्रेरणा मिलती है। "आशा है कि यह (प्र

4 पाठक
92 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 46/-

प्रिंट बुक:

220/-

विवेक चन्द्रा के लेख

समान नागरिक संहिता - सैद्धांतिक व व्यवहारिक पक्ष

11 दिसम्बर 2023
1
2

समान नागरिक संहिता के सैद्धांतिक व व्यवहारिक पक्ष पर जाने से पहले हमें इसका अर्थ अच्छे से समझना होगा। यह भारतीय संविधान के भाग- के अनुच्छेद 44 का विषय है। जो राज्य के नीति निर्देशक तत्वों से सम्बंधि

उद्धरण

30 अक्टूबर 2023
1
2

"संघर्ष ही प्रतीक्षारत होता है, सफलता की सूचना तो क्षण मात्र में मिल जाती है।"***जन्म मरण सब नश्वर सृष्टि।फिर काहे को विचलित दृष्टि।।***चरित्र की खुशबू फ़ैल जाती है बदनामियों के महफ़िल मेंभी,झूठ के हज

भीमराव अम्बेडकर

30 अक्टूबर 2023
0
0

थे भारत के प्रथम कानूनमंत्री,हैं भारत के महान संत,दृढनिश्वय देखकर जिनका अस्पृश्यता भी हुई थी बेतहाशा तंग।संविधान को भी उसके 'हृदय' की बात सुनाईतब जा के संविधान कहीं अपनी 'आत्मा' से मिल पाई।महान विचारो

महाराणा

30 अक्टूबर 2023
0
0

जन्म पर जिसके सारा भारतवर्ष गर्व से हर्षाया था, धन्य करने धरा को..महाराणा प्रताप जो आया था।बड़े-बड़े सूरमाओं को जिसने अपने शौर्य से हराया था, हल्दीघाटी पे भी अपनी वीरता का लेप उसने चढ़ाया था।शत्रु भी

गुरु के बिना ज्ञान कहाँ

30 अक्टूबर 2023
0
0

आज की स्थिति थोड़ी विपरीत हो चली है,आधुनिकता की चकाचौंध में गुरु-शिष्य की महान् परम्परा धूमिल हो गयी है।पर आज भी गुरु के बिना ज्ञान कहाँ,ज्ञान के बिना सम्मान कहाँ,और सम्मान के बिना इन्सान,इन्सान कहाँ..

प्रकृति और पर्यावरण

30 अक्टूबर 2023
0
0

इंसाँ में गर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प आ जाए,प्रकृति के क्रोध को प्रेम से सींचने का विकल्प आ जाए।आदित्य की रश्मि भी शीतल हो जाए,यदि वृक्षारोपण का दृढ़निश्चय हम सब कर जाएँ।पशु-पक्षियों में भी नवजीवन आ

तू मेरी पहचान पुरानी है

30 अक्टूबर 2023
0
0

मैं एक अधूरी कविता हूँ,तू मेरी पूरी कहानी है।मैं एक कोरी कल्पना हूँ, तू मेरी कलम की रवानी है।मैं एक अनजान मुसाफ़िर हूँ,तू मेरी पहचान पुरानी है।मैं शब का अंधेरा हूँ,तू सुबह की पहली किरण है।तू मौली का प

प्रेम लिखना सिखाता है

30 अक्टूबर 2023
0
0

कागज पर कलम का रंग चढ़ाता है,हर पल दिल की धड़कनें बढ़ाता है।कभी रासलीला बनकर वृंदावन की गलियों में ले जाता है,तो कभी मीरा के समर्पण भाव से अवगत कराता है।कभी मित्रता का अत्यधिक सुखद अनुभव बन जाता है,तो

तक़दीर लिख दे

30 अक्टूबर 2023
0
0

जो रूठ गया है हो वो पास मेरे ऐसी कोई तहरीर लिख दे,मेरी दास्ताँ-ए-इश्क़ को फिर से मेरी तक़दीर लिख दे।अश्फ़ाक था जो एकमात्र इस हबीब का..उसे मेरे क़रीब लिख दे,हो जाये राहत की बारिश मेरी रूह पर..ऐसी कोई तर

ज़ख़्मी दरवाज़ा

30 अक्टूबर 2023
0
0

मैंने दिल का 'ज़ख़्मी दरवाज़ा' अब भी बड़े नाज़ों से खुला रक्खा है,निकाह को तैयार है तस्वीर तेरी..मैंने सारा शहर बुला रक्खा है।एक बार देख महबूब मेरे आँखों को..तेरी यादों का दरिया बना रक्खा है,तू नहीं है तो

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए