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गुरु के बिना ज्ञान कहाँ

30 अक्टूबर 2023

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विवेक चन्द्रा की अन्य किताबें

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रचनाएँ
प्रेरणा
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यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखे गए लेख,कविताओं व उद्धरणों का संग्रह है। संग्रह का मूल स्वरूप प्रेरणात्मक है इसलिए मैंने इसे "प्रेरणा" शीर्षक देना उचित समझा। मेरी लेखनी का नाम भी "प्रेरणा" ही है क्योंकि मुझे लिखने से प्रेरणा मिलती है। "आशा है कि यह (प्रेरणा) पुस्तक मेरे प्रिय पाठकों को पसंद आएगी.. नित नए रंग जीवन में लाकर जीवन को जीवन बनाएगी।"
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अभिस्वीकृति

30 अक्टूबर 2023
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सर्वप्रथम मैं माँ शारदा को सहर्ष प्रणाम करना चाहूँगा क्योंकि एक रचनाकार बिना प्रज्ञा के किंचित भी नहीं लिख सकता और ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती के आशीर्वाद के बिना यह असंभव ही था। आप जीवन में जो कुछ भी

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प्रस्तावना

30 अक्टूबर 2023
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"सफलता क्या है,जीवन संघर्ष करते रहना।  असफलता क्या है,मन से हार जाना।।" यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखे गए लेख,कविताओं व उद्धरणों का संग्रह है। संग्रह का मूल स्वरूप प्रेरणात्मक है इसलिए मैंने इसे "प्रे

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समर्पण

30 अक्टूबर 2023
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मैं अपनी पहली पुस्तक अपने स्वर्गीय पिता श्री "चंद्रभूषण सिंह चन्द्रा" को समर्पित करता हूँ। मैंने अपने बाबा के जीवन से ही जीवन का संघर्ष सीखा है और जब भी कभी निराश होता हूँ तब उनका जीवन भर संघर्षरत

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मेरी लेखनी मेरी प्रेरणा

30 अक्टूबर 2023
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बहुत उतार चढ़ाव देखें हैं जीवन में, परिवार और दोस्तों के अलावा किसी ने  हर पल साथ निभाया तो वो सिर्फ़ तुम रही। निःस्वार्थ प्रेम की परिभाषा बन कर, बार-बार एक नयी आशा बन कर। दुःख में भी सदैव साथ दि

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प्रेरणा

30 अक्टूबर 2023
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तुम साहस हो तुम प्रेम भी,  तुम प्रेरणा हो तुम प्रगति भी। तुम आस हो तुम एहसास भी, तुम जीवनदायिनी पावन गंगा सी। तुम शक्तिदायिनी अथाह विस्तृत तरंग सी, तुम सुख-दुःख की साथी तुम जीवन रंग सी। तुम मुझे

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कृष्ण भक्ति कृष्ण शक्ति

30 अक्टूबर 2023
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कृष्ण भक्ति कृष्ण शक्ति अद्भुत है कृष्ण की बाल-लीला। हे माधव तेरे सानिध्य में मुझे जीवन का चारधाम मिला।।कृष्ण..जिन्हें जानना अर्थात ब्रह्मांड की थाह खोजना है। जिनका जीवन प्रारम्भ से लेकर अंत तक अत्यंत

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२. ज्ञान का अज्ञान

30 अक्टूबर 2023
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शिवलिंग तथा पुरुषार्थ चतुष्टय चार पुरुषार्थ की अवधारणा।पुरूष एवं प्रकृति का साक्षात्कार है,शिवलिंग सृष्टि का आधार है आकार है।पुरूष तथा प्रकृति की समानता का प्रतीक है,जिसका न आदि है ना कोई अंत है जो अन

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माहवारी और मानसिकता

30 अक्टूबर 2023
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एक गूढ़ प्रश्न?क्या मैं अशुद्ध हूँ या तुम्हारा मन और मस्तिष्कऔर यदि हाँ तो मुझसे उत्पन्न पुरुष कैसे शुद्ध हो सकता है?"केवल एक दिवसीय कार्यक्रम की भाँति हो चुका है,नारी का महिमामंडन एवं वर्ष भर चुभते शू

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अकेली माँ

30 अक्टूबर 2023
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दुनिया की सबसे शक्तिशाली नारी को देखा है कभी नहीं तो उस माँ के साहस को देख लेना जो अकेले सब कुछ सहकर अपने बच्चों को उनके पैरों पर खड़ा कर जाती है वो भी बिना किसी शिकायत के।नारी जो अपना सब कुछ खोने के ब

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साहस

30 अक्टूबर 2023
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जीवन में आगे बढ़ने का साहस जीवन को साहस देता हैऔर एक सार्थक जीवन,जीवन को सफल बनाता है।प्रेम हमेशा ऐसा होना चाहिए कि प्रेमी या प्रेमिका के चले जाने के बाद भी ऐसे रहना चाहिए जैसे प्रेमी या प्रेमिका हमेशा

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शिक्षा व संस्कार

30 अक्टूबर 2023
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"माँ बाबा के संस्कार से लेकर गुरु के मान तक का सफर"आजकल 'संस्कार' बड़ा भारी शब्द माना जाता है और इसकी बात करने वालों को पुराने जमाने वाला! अति आधुनिकता और दूसरों जैसा बनने के फेर में मानव अपने जड़ों से

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गुरु ज्योति

30 अक्टूबर 2023
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गुरु पुष्पों की माला,मैं चंचल विचलित सुमन। जब-जब मिलूँ गुरु में,पावन हो जाए तन-मन।।गुरु ज्योति गुरु मोती,गुरु बिन होई न ज्ञान।सद्गुरु सानिध्य मिले,जगत मिले सम्मान।।प्रथम शिक्षक माँ-बाबा ..जिन्होंने मु

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चंद्रयान तीन- एक लंबी तपस्या

30 अक्टूबर 2023
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असफलता से टूटे नहीं वो, धैर्य से अपना मुकाम बना लिया।विज्ञान में जो चूक हुई तो, सबक से नया विज्ञान बना लिया।एक ख्वाब जो टूटा था चाँद पर जाने का,उसे हौसले का अविस्मरणीय निशान बना लिया।ऐसी उड़ान भरी अबकी

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किताबें

30 अक्टूबर 2023
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यदि तुम अर्जुन हो तो किताबें स्वयं योगेश्वर श्री कृष्ण,यदि तुममें ज्ञान की प्यास है तो किताबें विशाल पयोधि।यदि तुम्हें मित्र की आवश्यकता है तो किताबें सच्ची मित्र,यदि तुम्हें सम्मान की चाह है तो किताब

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क्या सच में हिन्दी हैं हम?

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क्या सच में हिन्दी हैं हम?वी बिकम प्रोफिशिएंट इन इंग्लिश,और हींदी की मात्राएँ भी हमसे गलत हो जाती हैं,ज़माना बदल गया है।ऑफ्टर ऑल इंग्लिश इज अ ग्लोबल लैंग्वेज ब्रो!जहाँ हमें हिन्दी को वैश्विक भाषा बनाने

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जीवन्तता

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अभी चाहे दे दे ग़म के बेतहाशा बादल ऐ ज़िन्दगी,एक दिन हम तुम्हें खुशियों की बारिश में भीगा ही देंगे।पहले तुम अँधेरे से डरोगे,फिर तुम उससे लड़ोगे।बाहर आने की कोशिश करोगे,और इसी कोशिश में एक दिन ऐसा उजाला ह

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दहेज और सरकारी नौकरी

30 अक्टूबर 2023
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दहेज ग़लत है पर सरकारी नौकरी की चाह सही है क्या?स्त्री का वस्तुकरण करके ठुकराया जाना ग़लत नहीं है क्या?जब दहेज लेना गलत है तो कन्या पक्ष द्वारा सरकारी नौकरी की चाह रखना भी दहेज लेना कैसे नहीं हुआ?क्या स

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कलाम को सलाम

30 अक्टूबर 2023
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एक चमकता हुआ अद्भुत सूर्य जिससे प्रकाशित है ये सारा जहान।ऐसे वरदान को सलाम ऐसे कलाम को सलाम,ऐसे कलाम को सलाम।।जिनकी ख्याति है समूचे विश्व में चहुँओर गुंजायमान,जिनके नाम से ही गौरवान्वित हो जाता है सार

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कृष्ण सी मित्रता

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मुझे कर्ण सा मित्र नहीं चाहिए, जो ग़लत होते हुए भी मेरा साथ दे।मुझे तो कृष्ण सा मित्र चाहिए,जो अभाव में भी हाथों में हाथ दे।।कुछ हो न हो मेरे पास ए दोस्त,तेरी सच्ची दोस्ती तो है।दौलत है सबसे बड़ी,ज़िन्दग

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लाँछन

30 अक्टूबर 2023
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कितना आसान है ना! एक लड़की पे किसी भी तरह का आरोप लगाना।माँ,बहन और पत्नी और प्रेमिका के दायरे में सीमित रिश्ते,मित्रता तक आते-आते लाँछन की सारी सीमाएँ लाँघ जाती है।हमेशा लड़कियों को ये सिखाया जाता है कि

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मौक़ापरस्ती

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"मौक़ापरस्ती का आलम तो देखिए ज़नाब,जो कल तक नीम थे वो आज शहद हो गए।"ऐसा प्रेम तो नहीं होता,ऐसा प्रेम तो नहीं होता।यदि प्रेम होता तो कहती हम दोनों मिलकर कुछ कर लेंगे।थोड़ा तुम कमा लेना थोड़ा मैं,"फिर कट जा

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प्रेम भी स्वतंत्रता का अधिकार रखता है।

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प्रेम में अगर वास्तविक प्रेम (समर्पण) हैतो प्रेम..प्रेम को छोड़कर कहीं नहीं जाएगा।"विश्वास भी एक प्यारा सा बंधन ही है जो अदृश्य होकर भी सबसे मजबूत पकड़ बनाए रखता है।"यदि प्रेम में अटूट विश्वास है तो क्य

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समर्पण भाव

30 अक्टूबर 2023
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प्रेम में पड़ना किन्तु प्रेम में बने रहना,दैहिक आकर्षण से परे आसीम समर्पण भाव से,जब प्राप्ति की आकांक्षा न रहे,सर्वस्व अर्पण करने का भाव हो प्रेम में।सृष्टि के किसी भी पक्ष के अंतर्मन को,पीड़ा के आभास स

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लड़कों की ज़िंदगी और सामाजिक परिवेश

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समाज,परिवार,परिवेश के दबाव में दम तोड़ती खुद की ख्वाहिशें।हम लड़कों की आँखों से भी होती है बेमौसम हज़ार बारिशें।।पहले पढ़ाई, फिर जॉब,शादी ,परिवार की जिम्मेदारी.. इन्हीं सब के बीच एक लड़का पीसता रहता है और

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पिता - एक एहसास

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काया से ना सही पर हर धड़कन में है आप का एहसास,अब भी हैं यहीं कहीं मेरी परछाई बनकर आप।अब भी जब सूरज की तेज किरणें मेरे तन को जलाती है,तो पेड़ों की शीतल छाया आपकी याद दिलाती है।दो कदम आगे बढ़ाने के लिए

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मैं अपने पिता की छवि बनना चाहता हूँ

30 अक्टूबर 2023
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मैं अपने पिता की छवि बनना चाहता हूँ,उनकी अच्छी सोच को अपने अंदर समेटना चाहता हूँ।मैं अपने पिता की छवि बनना चाहता हूँ,उनके सपनों को अपनी आँखों से जीना चाहता हूँ।मैं अपने पिता की छवि बनना चाहता हूँ,जो अ

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ढलती उम्र में पिता

30 अक्टूबर 2023
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बाबा अपनी आँखों मे नीर न लाना,दुःख या पीड़ा वाली कोई तस्वीर न लाना।सब कुछ तो आपने ही दिया है मुझे,मैंने भी अपना सर्वस्व माना है तुझे।मुझे कुछ भी कहने से ना कतराना,अपना हर दर्द मुझे बेझिझक बतलाना।जिसने

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माँ

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ईश्वर का वसुंधरा पर अवतरण है माँ,अपने बच्चे के लिए सुरक्षा का आवरण है माँ।सम्पूर्ण सृष्टि है माँ..ममतामयी दृष्टि है माँ,अतुलनीय अनुपम है माँ,अपार प्रेम का संगम है माँ।निःस्वार्थ प्रेम की परिभाषा भी मा

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माँ का प्रेम

30 अक्टूबर 2023
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कितनी ही तकलीफें सहकर भी तूने मुझे सिर्फ ख़ुशी दी माँ,गिर-गिर कर सम्हलना सीखा और हर बार तूने ही सम्हाला माँ।निःस्वार्थ,निश्छल प्यार की बातें तो सभी करतें हैं पर ऐसा प्यार है सिर्फ़ तेरा माँ,सबको ही शिक

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ईश्वर का प्रतिरूप

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जब स्नेह बिखेरने के लिए ईश्वर धरा पर आ नही पाया,तब सारी सृष्टि समेटकर उसने स्नेहमयी माँ को बनाया..उस ईश्वर का प्रतिरूप..मै अपनी माँ में देखता हूँ,ईश्वर के दर पर शीश भले ही ना झुकाऊँ...मै अपनी माँ को स

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पहला इश्क़

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ज़िन्दगी से सारे काँटें चुन लेती है माँ,बिन कुछ कहे सब कुछ सुन लेती है माँ।ग़मों की धूप बदल जाती है ख़ुशियों की बरसात में,जब माँ होती है मेरी हर बात में,हर पल मेरे साथ में।ज़न्नत की ख़्वाहिश नहीं मुझको बस

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माँ-बाबा

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माँ के आँचल और पिता की ऊँगलियों में,बसता मेरा सारा संसार है।हाँ निश्छल हाँ निर्मल कितना कोमल सा दुलार है,हाँ पहला हाँ सच्चा हाँ गहरा सा ये प्यार है संस्कार है।माँ का मेरी नींद के लिए..अपनी नींद-चैन भु

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संघर्ष तेरा है

30 अक्टूबर 2023
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संघर्ष तेरा है और तुझे हीं इसे करना होगा,जब लगे कि कोई नहीं तेरे पास तब भी।स्वयं का साथ देकर स्वयं से लड़ना होगा,जब लगे कि अंतिम प्रयास तू कर चुका।जितना करना था कर चुका अब तुझसे और नहीं होगा,फिर भी तुझ

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२. जीवनपथ

30 अक्टूबर 2023
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क्या हुआ गर तेरे साथआज दुनिया की भीड़ नहीं,आग है तू..कोई मारुत के झोंके सेउड़ जाने वाला तृण नहीं।स्वयमेव ही तूस्वयं का साथी है,औरों के भरोसे ज़िन्दगीकब तक चल पाती है।जीवनपथ क्या किसीअग्निपथ से कम है,खुद

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३. युवाशक्ति

30 अक्टूबर 2023
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युवा शक्ति तू जाग ज़रा,तू उठा गगन तू हिला धरा।तू अर्जुन बन लक्ष्य को भेद ज़रा,तू कृष्ण बन गीता का पाठ पढ़ा।तू कर्ण बन महादान कर,एकलव्य की तरह गुरुओं का सम्मान कर।तू जीवन के उतार-चढ़ाव से मत घबरा,तू अं

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अभयगीत

30 अक्टूबर 2023
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बदल दे जीवनचर्या की पुरातन रीत रीत,अपनी हीं कमजोरियों पे कर जीत-जीत।तेरा जीवन बन जाए जनप्रेरणा का अभयगीत गीत।ना किसी से कर बैर-बैर,रख ले सबसे प्रीत-प्रीत।जो वक्त गया है गुज़र गुज़र,उसकी न कर तू फिकर-फ

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हिम्मत

30 अक्टूबर 2023
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हिम्मत" हिम्मत का अर्थ इतना हीं..मेरे मन ने खोजा, मानवीयता हो अंतःकरण की..बस ऐसा ही सोचा। हिम्मत नहीं दिखावे की,ये तो है स्वयं का ज्ञान, शक्तिप्रदर्शन का अज्ञान नहीं..ये है करुणा का विज्ञान। मन का मोत

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नारीशक्ति

30 अक्टूबर 2023
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तू है आज की नारी शक्ति,तुझमें निहित है सारी शक्ति।तेरा ही एक ऐसा व्यक्तित्व है, कि तुझसे ही इस दुनिया का अस्तित्व है।एक माँ बनकर तू कितना प्यार जताती है,अपनी संतान को कितना कुछ सिखाती है।पत्नी बनकर जी

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चल एक नयी शुरुआत करते हैं

30 अक्टूबर 2023
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चल ज़िन्दगी की किताब पे मेहनत की स्याही से एक रंग भरते हैं चल एक नयी शुरुआत करते हैं,जो कुछ है इसी पल में है तो उसे जीते हैं और जो बीत गया उसे भुलकर आगे बढ़ते हैं चल एक नयी शुरुआत करते हैं,चल नयी राहों

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तू आगे बढ़

30 अक्टूबर 2023
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तिनका तिनका जोड़कर तू आगे बढ़,ख़ुद पे विश्वास कर तू आगे बढ़।अपनों की बात नहीं..चाहे कोई तेरे साथ नहीं,ख़ुद को मना..उम्मीदों की नयी शम्मा जला।ख़ुशी के आँसू तो आते रहेंगे..दुःख के बादल भी छाते रहेंगेज़िन्दगी क

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डर

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अन्तर्मन का वहम है डर,खुद पे अनचाहा सितम है डर।किसी को है कुछ खोने का डर,किसी से जुदा होने का डर।कभी वर्तमान से विलग होकर भविष्य का डर,तो कभी भूत में किये गए बुरे कृत्य का डर।सोचो तो हर तरफ है डर,ख़ुद

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हौसला

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टूट कर बिखरना बहुत आसान है,पर लड़कर जीतना नामुमकिन तो नही।ज़िन्दगी ख़ुद देगी अपने सवालों का जवाब भी,मेरे सब्र का इम्तिहान लेकर ही सही।चलना है ज़िन्दगी की मुश्किल राहों पर,गिरते-उठते ही सही।है यकीन खुद प

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मंज़िल की तलाश

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बाहर तो एक अधूरी सी मुस्कान है,अन्तर्मन में चल रहा एक भीषण तूफान है।परिश्रम की अग्नि में खुद को झोंक दिया है,अब दिन रात जलना मेरा काम है।एक आस्था एक विश्वास और एक ही आस है, अब तो मुझे सिर्फ मेरी मंजिल

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मै और मेरा वजूद

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'लड़ता हूँ अतीत की उन यादों से अक्सर,जो मेरे बस में है ही नहीं..पर हारा नहीं हूँ मैं।जीवन की परिस्थितियाँ उलझा देती है,एक अलग ही लड़ाई में..हाँ असमंजस में हूँपर डरा नहीं हूँ मैं।मन की उफनतीलहरों से परे

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ख़ुशी

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अगर तू मेरे नसीब में भी होती ऐ ख़ुशी,तो हर गम को गले लगा लेता ख़ुशी ख़ुशी।अगर तू मेरे नसीब में भी होती ऐ ख़ुशी,तो तेरे काँधे पे सर रखकर रो लेता ख़ुशी ख़ुशी।कंहंते हैं जीवन को जिस रंग मैं डालो उसी का रंग च

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महासमर आरंभ होगा

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जहाँ से संसार ने ठुकरा दिया अंत समझकर,अब वही से आरम्भ होगा,रणभेरी का बिगुल बजेगा ,युद्ध नहीं अब महासमर आरम्भ होगा।शर चाप होगा अर्जुन तेरे हाथ में,सामने तेरा लक्ष्य होगा।अब महासमर आरम्भ होगा,अश्रू से च

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मौन की क्षमता

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मौन की क्षमता असंख्य चीत्कारों से बड़ी है,न किसी विरोधाभास न किसी युद्ध कीआवश्यकता पड़ी है।मौन ने बड़े-बड़ो के दंभ को तोड़ा है,जो करते हैं व्यथित अन्तर्मन को..उनको भी कहीं का नहीं छोड़ा है।मौन सत्य का एक अद

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क्या लिखूँ अल्फ़ाज़ों में

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दबे हुए कई ख्वाबों में,क्या लिखूँ अल्फ़ाज़ों में।राहें कहाँ आसान हैं,कुछ भीड़ में बड़ी वीरान हैं।धुँधला-धुँधला सा साहिल है,फिर भी चाहत-ए-मंज़िल है।मंज़िल पर चलकर जाना है,हर नौका को पार लगाना है।दिल मे

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बाकी है

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दिल में टूटा-टूटा सा अरमान बाकी है.. ज़ख्म-ए-मोहब्बत का निशान बाकी है..इश्क़ को देना आखरी सलाम बाकी है..स्वाभिमान है मतलबी इश्क़ से बड़ा,तुम्हे करना ये ऐलान बाकी है..दिल नही करेगा झूठे इश्क़ की नुमाइश

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ज़िन्दगी

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ऐ ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखा दिया तूने,कभी ठोकर दे कर गिरा दिया तूने।तो कभी सहारा देकर उठा लिया तूने,बहुत सी गलतियाँ की है मैंने।पर गुनाह करने से बचा लिया तूने,अपनों को कितना सताया है मैने।अपनों का दिल भी

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लिख लेतें हैं

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ज़िन्दगी जब ख़राब लगती है,तब लिख लेतें हैं।ज़िन्दगी जब शराब लगती है,तब लिख लेतें हैं।ज़िन्दगी जब एहसास लगती है,तब लिख लेतें हैं।ज़िन्दगी जब ख़ुद के आसपास लगती है,तब लिख लेतें हैं।ज़िन्दगी जब हसीन लगती है,तब

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. रौशनी की चाहत

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जिसे है रौशनी की चाहत उसे अँधेरे क्या डराएँगे,जिसे है दर्द में भी मुस्काने की आदत,उसे जीवन के थपेड़े क्या रुलाएँगे।जो जलता रहा है औरों के आशियाने को रौशन करने के लिए,उसे लोगों के झूठे अफसाने क्या जलाएँ

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एक और उम्मीद

30 अक्टूबर 2023
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कम कर रही है ज़िन्दगी अगर..ज़िन्दगी की उम्मीद को, तो तू जीवन में उम्मीद का नया सबेरा कर। माना दर्द बहुत दे रही ज़िन्दगी..तुझे तन और मन का, उस दर्द से लड़कर अपनी जीत कर। घने अँधेरे को काटने के लिए प्रक

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भारतीयता

30 अक्टूबर 2023
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आज एक हर्फ़ लिखता हूँ, अपनी भारतीयता पे गर्व लिखता हूँ। हिन्दी मेरा स्वाभिमान है, मेरी भाषा मेरा ईमान है। अंग्रेज चले गए छोड़ गए अंग्रेजी, सब में जैसे होड़ लगी रविवार बन गया सण्डे जी। कहते हैं पढ़े लि

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वज्रप्रहार

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वीरों की ये कर्मभूमि..है महाराणा का देश,बच ना पाए कोई भी पापी जो धरे आतंक का भेस,बच ना पाए कोई भी पापी जो धरे आतंक का भेस।पृथ्वी से त्रिशूल चला,आकाश से कर तेजस का वार,अब पानी भी ना मांगे इस माटी का को

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मेरी कलम

30 अक्टूबर 2023
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मैं अपनी कलम से एक अरमान लिखना चाहता हूँ, भारत के स्वर्णिम युग का पुनर्निर्माण लिखना चाहता हूँ।भारत माँ के चरणों में एक बलिदान लिखना चाहता हूँ,अपना सब कुछ इस मिट्टी के नाम लिखना चाहता हूँ।मैं भारत का

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शौर्यगाथा

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चहुँओर प्रदीप्त है मेरी मातृभूमि का आलोक,प्रताप से जिसके दीप्त हो रहा ये सम्पूर्ण इहलोक।पृथ्वीराज की मैं कथा सुनाऊँ...या गाऊँ प्रताप की गाथा,जिनके शौर्य पे गौरवान्वित है..स्वयं हमारी भारतमाता।असंख्य आ

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रोता बिलखता जलियाँवाला बाग हूँ मैं

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रौलेट एक्ट के विरोध से आतंकित गोरों का आतंक हूँ मैं,किचलू व सत्यपाल की कैद के विरोध का बंद हूँ मैं,अंग्रेजों के नैतिक दावे का निष्ठुर अंत हूँ मैं।छह सप्ताह के दुधमुँहे संतान की चीत्कार हूँ मैं,भीरुओं

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मनःस्थिति

30 अक्टूबर 2023
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माँ का रुदन भेद रहा है मेरा अंतर्मन,पिता की आँखें मूक होकर पथराई है।बहना तेरी कह रही मुझसे..समीप राखी आयी है,कहाँ छोड़ आये हो तुम..सूनी भाई की कलाई है। बता ज़रा ए दोस्त..क्या जवाब दूँ तेरी भोली प्रीत को

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भारत की क्षत्राणी

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आज दोहराता मैं समस्त वीरांगनाओं की वहीं कहानी,जिसे सुनकर मानवमात्र को होगी अत्यंत अकल्पनीय हैरानी।हे भारत की क्षत्राणी,धन्य धन्य हे मर्दानी,राष्ट्रधर्म पे न्यौछावर कर दी तुमने अपनी पूरी ज़िन्दगानी।एक व

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शंखनाद

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मुझे इश्क़ है मेरी मातृभूमि से।मेरा नाम है मेरी भारतभूमि से।सारे त्यौहार है न्योछावर इस माटी की आन पे,तिरंगे पे वार दूँ प्राण बड़ी तिरंगे की शान पे।मैं ही हूँ शान्ति का प्रतीक मैं हीं युद्ध का शंखनाद हू

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रखवाला

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जहाँ मिट्टी भी महक उठे ऐसा वसुंधरा से प्रेम रहता है,सृष्टि नतमस्तक हो जिसपे वो रंग तिरंगा रहता है।शत्रु क्या बिगड़ेगा उसका जिसकी सीमा पर.. नाविक के संग विशालकाय हिमालय भी पहरा देता है,उच्च मूल्यों से ग

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शेरशाह

30 अक्टूबर 2023
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(कैप्टन विक्रम बत्रा को समर्पित)मेरा सफ़र अभी थमा नहीं,मैं फिर से लौट कर आऊँगा।ये रक्त अभी जमा नहीं,मैं फिर से अपना फर्ज़ निभाऊँगा।एक-एक कतरा रक्त का मेरी कहानी बताएगा,तुम कायरों को मेरी शहादत में भी मे

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हे माँ शक्ति

30 अक्टूबर 2023
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हे माँ शक्ति दे ऐसी शक्ति शत्रु का संहार करूँ,हे माँ शक्ति दे ऐसा साहस सरहद की रक्षा में मै प्राण बलिदान करूँ।हे माँ शक्ति दे ऐसा ज्ञान,विश्व के विशाल मंच पर भारत माँ का नाम करूँ।बुरी नजर जो डाले घाती

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मेहनतकश मजदूर

30 अक्टूबर 2023
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रक्तरंजित शिला पर लिखा एक अध्याय,मेहनतकश मजदूर की व्यथा कौन बताय।दिवा बीती धूप में..निशा भूख सताय,रोटी छीना वक़्त ने,कल की चिंता खाय जाय।रोते बिलखते नन्हे को..पानी खूब पिलाय,भीगे हुए तन और मन की आपबीती

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वृद्धावस्था

30 अक्टूबर 2023
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जिसने तुझे इस दुनिया में लाने के लिए नहीं की असहनीय दर्द की परवाह..जो उन दर्द भरी चीखों में भी देख रहा था सिर्फ़ तेरे आने की राह।खुशी से झूम उठे थे तेरे आने से उनके दो नैन,तेरी एक छोटी सी चोट भी कर देत

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मैं बदनाम

30 अक्टूबर 2023
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तुम लड़की हो तुम्हारा है सारा सम्मान,मैं लड़का हूँ मैं तो हूँ हीं आवारा बदनाम।कभी मैं सड़कों पे शरीफ़ लड़की छेड़ता पाया जाऊँगा,कभी मैं झूठे बलात्कार का सच्चा मुजरिम बनाया जाऊँगा।कभी मैं दहेज का लोभी घर-घर द

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महादान

30 अक्टूबर 2023
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करुणाभाव का पर्याय है,नवजीवन का अध्याय है।निःस्वार्थ सेवा का अवसर है,ऋण मानवता का तुझ पर है।तू स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार कर,निज जीवन को सार्थक साकार कर।एक और को पुनः नवल जीवन प्रदान कर,मानवमात्र क

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मैं इश्क़ ढूंढता हूँ

30 अक्टूबर 2023
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हाँ मैं इश्क़ ढूंढता हूँ न केवल राधा-कृष्ण की पावन लीला में, अपितु..माँ की चिंता में,पिता की डाँट वाली सीख में,मैं इश्क़ ढूंढता हूँ।बुजुर्गों की सलाह में,जीवन की उतार-चढाव भरी राह में, दीन-हीनजनों की

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रोज़गार चाहिए

30 अक्टूबर 2023
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सरकारी ना सही निजी नौकरी का संसार चाहिए, बड़ा ना सही छोटा सा ही व्यापार चाहिए, बेरोजगार हूँ एक रोजगार चाहिए।ना बड़ी-बड़ी बातें,ना अखबारों में इश्तिहार चाहिए, कागज़ी योजना नहीं क्रियान्वयन में सुधार चा

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मानसिकता

30 अक्टूबर 2023
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छोटी मानसिकता के बड़े लोग,आधुनिकता के दौर में मन का रोग।अच्छे व्यवहार का झूठा दिखावा,मीठी मीठी बातें बस एक छलावा।रुढ़िवादी सोच का ये नया दौर,आगे कुछ और पीछे कुछ और।तन से सज्जन पर कुंठित मन,घृणित बातों म

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कृष्णप्रिया

30 अक्टूबर 2023
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कोकिल सदृश मधुर ध्वनि मुख पर तेरे तान रे।सुनाय कान्हा मुरली की धुन तेरे स्वर तू जान रे।।माधव की माया विलक्षण अद्भुत खेल रचाए।माँ शारदा का,स्वर में तेरे पावन वास हो जाए।।विसरित हो अनुपम ख्याति तोरी चह

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सुकून का शगुन

30 अक्टूबर 2023
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चाँद भी तुझे देखकर गौर करे,खुशियाँ भी तेरे मुखड़े पर शोर करे।सितारों से सजे आकाश में,हर पल सुकून ही सुकून हो तेरे पास में।हँसी भी शगुन दे जाए हर दिन तेरे चेहरे परऐ दोस्त,हर सफलता भी आके ठहरे तेरे घर।ते

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सच्ची दोस्ती

30 अक्टूबर 2023
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ज़िन्दगी में वो हर ख़ुशी है,अंधकार में वो रौशनी है।साथ दे जो हर मोड़ पर,हमसफ़र वो ऐसा यहीं है।दुःख में जो साथ निभाए,ख़ुशी में हर्षित हो जाए।सफलता की पहचान है,हर दिल का अरमान है।तब-तब वह राह दिखाए,जब-जब मन

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बचपन और दोस्ती

30 अक्टूबर 2023
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वो बचपन की सुबह,वो हँसाने वाली शाम,वो शरारतों के दिन,वो दोस्ती की सौगात।वो प्यार की दौलत,जेब से कंगाल,वो कौड़ी वाला खेल,फिर भी मालामाल।वो क्रिकेट का बल्ला,वो दोस्तों का साथ,वो पल भर का रूठना,बहुत आता

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फिर स्कूल जाने को दिल करता है

30 अक्टूबर 2023
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फिर स्कूल जाने को दिल करता है, फिर से क्लास की लास्ट बैंच पर बैठकर पढ़ने और शरारतें करने को दिल करता है. फिर स्कूल जाने को दिल करता है, फिर उन अनोखी यादों की बारिश में भीग जाने को दिल करता है... फिर स

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हे माँ नवदुर्गा

30 अक्टूबर 2023
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हे माँ शैलपुत्री इस जड़ नश्वर जीवन का,माता अब उद्धार करो।अधीर मस्तिष्क है चंचल मन,इसे स्थिरता का शक्तिद्वार करो।हे ब्रह्मचारिणी निराकार जीवन को माता अब तुम साकार करो।तप त्याग वैराग्य सत् व संयम के वर स

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महादेव

30 अक्टूबर 2023
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दिशा भी तू दशा भी तू,दिवा भी तू निशा भी तू।सदेह भी तू विदेह भी तू,इष्ट मेरा निःसन्देह भी तू।विनाश भी तू सृजन भी तू,दृष्टिगोचर है सर्व-जन में तू।भव के कण-कण में महादेव।कण्ठ के स्वर-स्वर में महादेव।।जटा

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शिव स्तुति

30 अक्टूबर 2023
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अर्धनारीश्वर मेरे जगदीश्वर,धन्य हुई सृष्टि समता का रूप देखकर।शशिशेखर हे गंगाधर, स्तुति करूँ मैं शीश झुकाकर।महादेव हे महाकाल, काँपे शत्रु देख तेरा रूप विकराल।भक्तवत्सल तू है गणनाथ,है हम सबका तू दीनानाथ

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बाल लीला

30 अक्टूबर 2023
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बाल लीला कान्हा ने सखा खूब दिखाय।हर्षवर्षा से अन्तर्मन अतिशय भीगा जाय।।हृदय गति बढ़त है मेरी केवल तेरा ध्यान लगाय।बंसीधर अपनी मुरली जमुना तीरे खूब बजाय।।पीताम्बर पट में अति मनभावन लगे है कन्हैया।खूब प्

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आदर्श के पर्याय श्री राम

30 अक्टूबर 2023
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हैं हम सब में श्री राम..है हम में रावण भी,है सूर्य सी चमक और अंधकार सी छाया भी।है काली रात तो है सुबह की आशा भी,है असत्य का भाषा,तो है सत्य की परिभाषा भी।है ज्ञान का प्रकाश,तो है अज्ञान की माया भी,अब

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मर्यादा पुरुषोत्तम

30 अक्टूबर 2023
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मर्यादा में रहकर बड़ों का सम्मान करना,बड़े बनकर छोटों से प्यार करना।शबरी के बेर खाकर छुआ-छूत पे प्रहार करना,केंवट की नौका में बैठकर सबसे विनम्र व्यवहार करना।गृह त्याग वनवास जाकर पिता के वचन का मान रखना,

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विलोम सृष्टि

30 अक्टूबर 2023
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मैं अनल की विकट ज्वाला,तू हिम की शीतल दुशाला।मैं निर्मोही कवि मन हारा,तू स्वच्छंद नदी की धारा।तू अर्णव अमिय की,मैं पोखर गरल का।विदित है विलोम सृष्टि,उत्पल की..उपल का।मैं अंत सा तू अनन्त सी,मैं ग्रीष्म

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ज़ख़्मी दरवाज़ा

30 अक्टूबर 2023
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मैंने दिल का 'ज़ख़्मी दरवाज़ा' अब भी बड़े नाज़ों से खुला रक्खा है,निकाह को तैयार है तस्वीर तेरी..मैंने सारा शहर बुला रक्खा है।एक बार देख महबूब मेरे आँखों को..तेरी यादों का दरिया बना रक्खा है,तू नहीं है तो

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तक़दीर लिख दे

30 अक्टूबर 2023
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जो रूठ गया है हो वो पास मेरे ऐसी कोई तहरीर लिख दे,मेरी दास्ताँ-ए-इश्क़ को फिर से मेरी तक़दीर लिख दे।अश्फ़ाक था जो एकमात्र इस हबीब का..उसे मेरे क़रीब लिख दे,हो जाये राहत की बारिश मेरी रूह पर..ऐसी कोई तर

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प्रेम लिखना सिखाता है

30 अक्टूबर 2023
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कागज पर कलम का रंग चढ़ाता है,हर पल दिल की धड़कनें बढ़ाता है।कभी रासलीला बनकर वृंदावन की गलियों में ले जाता है,तो कभी मीरा के समर्पण भाव से अवगत कराता है।कभी मित्रता का अत्यधिक सुखद अनुभव बन जाता है,तो

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तू मेरी पहचान पुरानी है

30 अक्टूबर 2023
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मैं एक अधूरी कविता हूँ,तू मेरी पूरी कहानी है।मैं एक कोरी कल्पना हूँ, तू मेरी कलम की रवानी है।मैं एक अनजान मुसाफ़िर हूँ,तू मेरी पहचान पुरानी है।मैं शब का अंधेरा हूँ,तू सुबह की पहली किरण है।तू मौली का प

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प्रकृति और पर्यावरण

30 अक्टूबर 2023
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इंसाँ में गर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प आ जाए,प्रकृति के क्रोध को प्रेम से सींचने का विकल्प आ जाए।आदित्य की रश्मि भी शीतल हो जाए,यदि वृक्षारोपण का दृढ़निश्चय हम सब कर जाएँ।पशु-पक्षियों में भी नवजीवन आ

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गुरु के बिना ज्ञान कहाँ

30 अक्टूबर 2023
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आज की स्थिति थोड़ी विपरीत हो चली है,आधुनिकता की चकाचौंध में गुरु-शिष्य की महान् परम्परा धूमिल हो गयी है।पर आज भी गुरु के बिना ज्ञान कहाँ,ज्ञान के बिना सम्मान कहाँ,और सम्मान के बिना इन्सान,इन्सान कहाँ..

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महाराणा

30 अक्टूबर 2023
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जन्म पर जिसके सारा भारतवर्ष गर्व से हर्षाया था, धन्य करने धरा को..महाराणा प्रताप जो आया था।बड़े-बड़े सूरमाओं को जिसने अपने शौर्य से हराया था, हल्दीघाटी पे भी अपनी वीरता का लेप उसने चढ़ाया था।शत्रु भी

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भीमराव अम्बेडकर

30 अक्टूबर 2023
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थे भारत के प्रथम कानूनमंत्री,हैं भारत के महान संत,दृढनिश्वय देखकर जिनका अस्पृश्यता भी हुई थी बेतहाशा तंग।संविधान को भी उसके 'हृदय' की बात सुनाईतब जा के संविधान कहीं अपनी 'आत्मा' से मिल पाई।महान विचारो

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उद्धरण

30 अक्टूबर 2023
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"संघर्ष ही प्रतीक्षारत होता है, सफलता की सूचना तो क्षण मात्र में मिल जाती है।"***जन्म मरण सब नश्वर सृष्टि।फिर काहे को विचलित दृष्टि।।***चरित्र की खुशबू फ़ैल जाती है बदनामियों के महफ़िल मेंभी,झूठ के हज

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