वज़ीर- ए - आज़म ने खुद के सलहाकारो से कहा तालीम इंसान को बेहतर इंसान बनाती है, तो एक सलाहकार ने जल्दी से फरमान मानकर कलमबंद कर लिया, वज़ीर-ए-आज़म से पूछा क्या तालीम एक वज़ीर-ए-आज़म को बेहतर वज़ीर-ए-आज़म बनाती है? वज़ीर-ए-आज़म ने गुस्से से पूछा क्या तुम्हे हमारे बेहतर होने पर शक है, क्या हम बेहतर वज़ीर-ए-आज़म नहीं है, फ़ौरन दरोगा का बुलाया, सदर-ए-दरोगा ले जाओ इस नामुराद को जिसे हमारे बेहतर होने पर शक है और इसे सूली पर चढ़ा दो. दरबारियों में वज़ीर-ए-आज़म जिंदाबाद का शोर मच गया. एक दरबारी चिल्लाया हमारे वज़ीर-ए-आज़म बेहतर वज़ीर- ए-आज़म है, दूसरा चिल्लाया हमारे हमारे वज़ीर-ए-आज़म को खुदा ने सबसे आला दिमाग बक्शा है, तीसरा दरबारी चिल्लाया हज़ूर ने क्या इन्साफ किया है. सब एक साथ चिल्लाये हमारा मुल्क दुनिया का बेहतरीन मुल्क है क्योकि हमारे वज़ीर-ए-अज़ाम दुनिया के बेहतरीन वज़ीर-ए-आज़म है. और दरबार बर्खास्त हो गया.